उत्तराखंड की इस जेल में विदेशी कैदियों का जाल, 32 नेपाली और चार चीनी कैदी काट रहे सजा
सितारगंज जेल में 32 नेपाली और 4 चीनी कैदियों समेत कुल 36 विदेशी कैदी सजा काट रहे हैं। इनमें से ज्यादातर नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल हैं। गृह मंत्रालय के आदेश पर इनकी जानकारी दूतावासों को दी गई है। इन विदेशी कैदियों का खर्च भारतीय जेल प्रशासन वहन कर रहा है जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।

जागरण संवाददाता, सितारगंज । केंद्रीय कारागार सितारगंज में विदेशी कैदियों का राज खुलकर सामने आ गया है। आंकड़े बताते हैं कि जेल में इस समय 36 विदेशी कैदी सजा काट रहे हैं। इनमें से 32 नेपाल के नागरिक हैं, जबकि चार कैदी चीन से ताल्लुक रखते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश अपराधी एनडीपीएस एक्ट यानी नशे के कारोबार और तस्करी जैसे गंभीर मामलों में पकड़े गए हैं।
वहीं जेल प्रशासन ने बताया कि विदेशी कैदियों की जानकारी जेल प्रशासन की ओर से मुख्यालय को दे दी जाती है। इसके बाद मुख्यालय संबंधित दूतावासों को सूचित कर देता हैँ। इधर गृहमंत्री अमित शाह के आदेशों के बाद देशभर की जेलों में विदेशी कैदियों की विस्तृत सूची बनाई जा रही है। इसी क्रम में सितारगंज जेल में 36 विदेशी कैदियों का यह खुलासा न केवल शासन, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का बड़ा विषय बन गया है।
जेल प्रशासन का कहना है कि इन विदेशी कैदियों का पूरा खर्च भारतीय जेल प्रशासन वहन कर रहा है। यह व्यवस्था न केवल जेल पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी चुनौती खड़ी कर रही है। जेल अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि विदेशी कैदियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सुरक्षा में किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।
बड़ा सवाल, इतनी आसानी से घुसपैठ कैसे
सितारगंज : विदेशी अपराधियों की इतनी बड़ी संख्या सामने आने के बाद अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर भारत में विदेशी अपराधी इतनी आसानी से घुसपैठ कैसे कर रहे हैं? जेलें विदेशी कैदियों के बोझ से भर रही हैं? और कब तक भारतीय करदाताओं के पैसे से विदेशी अपराधियों का खर्च उठाया जाएगा?
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