काशीपुर के एक पॉश इलाके में एक 65 वर्षीय महिला का कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। महिला घर में अकेली रहती थी और पड़ोसियों को घटना की जानकारी तब हुई जब दुर्गंध आई। यह घटना समाज की संवेदनहीनता को उजागर करती है जहां लोग अपने बुजुर्गों से दूर होते जा रहे हैं। पुलिस महिला के परिजनों की तलाश कर रही है ताकि शव को उन्हें सौंपा जा सके।
अभय कुमार पांडेय, काशीपुर। काशीपुर की पाश कालोनी आवास विकास एरिया में शाम को सब कुछ शांत था। शाम कोचिंग से लौटते बच्चे, ऑफिस की गाड़ियां निकल रही थीं, और पार्क में ईवनिंग मॉर्निंग वॉकर्स की चहल-पहल थी। लेकिन इसी चहल-पहल के बीच शहर एक मकान से गुजर रही महिला को आई दुर्गंध से यह पता चला कि घर में कुछ अनहोनी हुई है।
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जब दरबाजा तोड़ कर पुलिस अंदर गई तो 65 वर्षीय महिला पार्वती कंकाल बन चुकी थी। कहीं न कहीं सोसल मीडिया के दौर में एक महिला चारदीवारी के अंदर बिना खाएं बिना पीए प्राण त्याग देती है और किसी को भनक तक नहीं लगती। ऐसी घटना समाज के संवेदनहीनता पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। शहर के एक पाश कालोनी में एक महिला को कंकाल मिलना समाज के एक ऐसे चेहरे को बेनकाब कर रही है जिसे शायद कोई पसंद करेगा।
समाज की संवेदनहीन परत
यह समाज की उस संवेदनहीन परत को उजागर करता है, जहां हम अपनों से, पड़ोसियों से, बुज़ुर्गों से दूर होते जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी में स्मार्ट डिवाइस हैं, पर दिल और रिश्ते पुराने हो चले हैं बिना नेटवर्क के, बिना कनेक्शन के। काशीपुर में आवास विकास एरिया में इस क्षेत्र में रहने वाला हर कोई इस घर से परिचित था इसलिए कि इस घर के लोग बाहर नहीं निकलते भी थे। लेकिन शायद किसी ने इस परिवार को नजदीक से समझने का कभी प्रयास नहीं किया। जैसे चल रहा था वैसे चल रहा था।
काश मैंने पहले दरवाजा खटखटा दिया होता...
आवास विकास एरिया घटना के बाद घर के बाहर जुटी भीड़ में कई बातें हो रही थी। कोई बोलता कि थी ऐसी किसी से बात ही नहीं करती तो कुछ आंसू बहा रहे थे,और कुछ खुद को कोस रहे थे काश हमने दो दिन पहले ही दरवाज़ा खटखटा दिया होता।
इतनी बड़ी घटना के बाद काश शब्द बहुत ही छोटा हो जाता है। महिला के पास नहीं मिला माेबाइल, घर में पानी पीकर किया गुजारा घर के अंदर पुलिस को कोई मोबाइल फाेन तक नहीं मिला। कहीं न कहीं महिला बेहद गंभीर ड्रिपेशन में लग रही थी। आसपास का लोगों का कहना है कि घर के अंदर सब्जी तक नहीं दिखी। सिर्फ पानी पीकर महिला रहती थी ऐसा पता चला रहा है।
महिला के परिजनों को ढूढंने में लगी पुलिस, किसे सौंपा जाएगा शव कंकाल के रूप में मिले इस शव को लेकर किसे सौंपा जाएगा यह पुलिस के लिए अभी पहेली बना हुआ है। इस महिला के किसी रिश्तेदार या संबंधी का पता नहीं चल रहा है। पाश कालोनी में स्थित घर पर कभी कोई रिश्तेदार इनकी सुध लेने भी नहीं आया इसलिए पड़ोसी भी कुछ बता पाने में असमर्थ हैं।
क्या सवाल उठते हैं?
- क्या हमारे शहर में बुजुर्गों की देखभाल के लिए कोई निगरानी तंत्र है?
- क्या संवेदनशीलता केवल सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित हो चुकी है?
- आखिर सामाजिक तौर पर काम करने वाले समाज सेवी संस्थान कहां हैं?
- जनप्रतिनिधि को भी अकेली बुजुर्ग महिला के बारे में नहीं थी कोई खबर ?
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