Move to Jagran APP

राजकीय महाविद्यालय उच्च शिक्षा देने में फेल

जागरण संवाददाता, काशीपुर: सरकार भले ही उच्च शिक्षा की बेहतरी का दावा करती हो, मगर हकीकत

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 06:00 AM (IST)
राजकीय महाविद्यालय उच्च शिक्षा देने में फेल

जागरण संवाददाता, काशीपुर: सरकार भले ही उच्च शिक्षा की बेहतरी का दावा करती हो, मगर हकीकत इसके उलट है। राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के इंतजाम ही नहीं है। यहां सिर्फ 15 सौ विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि पंजीकृत विद्यार्थी 6,300 हैं। ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राएं या तो खड़े होकर पढ़ाई करते हैं या फिर क्लास में जाते ही नहीं है। इसे लेकर उनमें रोष है।

loksabha election banner

तराई में राजकीय महाविद्यालय काशीपुर सबसे पुराना है, मगर सुविधाएं कुछ भी नहीं हैं। हिंदी, राजनीति शास्त्र, सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में जब शिक्षक पढ़ाने जाते हैं तो देखते ही देखते क्लास में इतने विद्यार्थी पहुंच जाते हैं कि कई छात्र खड़े होकर ही लेक्चर सुनते हैं। वहीं कई छात्र जगह न होने पर क्लास के बाहर से ही वापस हो जाते हैं। लाइब्रेरी में भी पर्याप्त किताबें न होने से विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है। लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने की सुविधा भी नहीं है। विद्यार्थियों का कहना है कि घर से दूर जाने के कारण विद्यार्थी इसी कालेज में प्रवेश लेते हैं। इसके बाद भी कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जाती है। छात्रनेता भी चुनाव के वक्त तमाम वादे करते हैं, मगर चुनाव बाद सब भूल जाते हैं। उच्च शिक्षा की ऐसी बदहाली का असर विद्यार्थियों के भविष्य पर दिख रहा है। वर्जन

जिन विषयों में ज्यादा विद्यार्थी होते हैं, उनमें संख्या के हिसाब से सेक्शन बना देते हैं। जितना संसाधन है, उसी हिसाब से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराई जाती है।

- डॉ. कमला शर्मा, प्रभारी प्राचार्य, राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.