Updated: Sat, 28 Jun 2025 07:59 PM (IST)
नैनीताल के एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर 1.2 करोड़ रुपये ठगने वाले साइबर अपराधी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी खुद को ईडी और सीबीआई का अधिकारी बताकर लोगों को फंसाता था। उसने फर्जी फर्म खोलकर पैसे जमा कराए। आरोपी के खिलाफ अन्य राज्यों में भी शिकायतें दर्ज हैं। आरोपित ने डिजिटल अरेस्ट करते हुए 10 दिन में अलग-अलग खातों से 1.2 करोड़ की धनराशि हड़पी थी।
जासं, रुद्रपुर। नैनीताल के एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर 10 दिन के भीतर एक करोड़ दो लाख ठगने वाले साइबर अपराधी को साइबर थाना पुलिस ने हरियाणा फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि नैनीताल निवासी व्यक्ति ने इसी साल मार्च में दर्ज प्राथमिकी कराई थी। जिसमें कहा था कि मार्च में ईडी व सीबीआई के अधिकारी बनकर उसे डिजिटल अरेस्ट करते हुए 10 दिन में अलग-अलग खातों से 1.2 करोड की धनराशि हड़प ली थी। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक साइबर अंकुश मिश्रा एवं विवेचना निरीक्षक अरुण कुमार की अगुवाई में मामले में की जांच शुरू कर दी गई थी।
जांच टीम ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर/वाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंक, सर्विस प्रदाता कंपनियों, मेटा कंपनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया। प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया। तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र कए।
इस दौरान आवास अपार्टमेंट सेक्टर 18 बी द्वारिका साऊथ वेस्ट दिल्ली निवासी चंद्रशेखर सिकरीवाल पुत्र सुल्तान सिंह सिकरीवाल को चिह्नित किया गया। उसकी तलाश करते हुए साइबर थाना पुलिस दिल्ली और हरियाणा पहुंची। जहां उसकी लोकेशन हरियाणा में मिली। शुक्रवार को हरियाणा पुलिस की मदद से उसे फरीदाबाद हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश कर हल्द्वानी जेल भेज दिया है।
यह था अपराध का तरीका
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि आरोपित चंद्रशेखर पीडितों को टेलीकाम अथारिटी का अधिकारी बनकर काल करता था। साथ ही उनके मोबाइल नंबर को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई के आदेश पर आधार कार्ड से फर्जी खाता खुलने तथा ह्यूमन ट्रैफिकिंग की बात कहकर खाता बंद करने की बात कहते हुए डिजिटल अरेस्ट करता था। जिसके बाद पीड़ित को बताया जाता था कि कोर्ट उसके केस को आनलाइन सुने, इसके लिए अनुमति मिलने की बात कहता था।
इसके लिए पीड़ित को वाट्सएप पर ही गाइडलाइन भी भेजी जाती थी। पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट के दौरान लगातार वाट्सएप के माध्यम से जुड़ा रहने को कहा जाता था। प्राप्त की गयी धनराशि को तत्काल ही अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिया जाता था।
चंद्रशेखर सिकरीवाल ने साइबर धोखाधड़ी के लिए अपनी पत्नी के नाम से फर्म फार्मा ट्रिक्स इंटरनेशनल ट्रेड गुरुग्राम में खोली थी। जिसका संचालन चंद्रशेखर सिकरीवाल करता था। उसके आईसीआईसीआई बैंक खाते में 20 लाख रुपये की धनराशि पीड़ित से प्राप्त की गयी थी।
देश के अलग अलग राज्यों पंजीकृत है 13 शिकायत
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों का प्रयोग किया गया है, उसमें माह मार्च में ही 25 करोड़ रुपयों का लेनदेन मिला है। उसके बैंक खाते के विरुद्ध देश के अलग-अलग राज्यों में 13 साइबर अपराधों की शिकायतें पंजीकृत हैं। जिसके संबंध में जानकारी लेने के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।
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