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    उत्तराखंड में निर्भया जैसे विभत्स कांड से आक्रोश, किशोरी की निर्मम हत्या; एक हाथ टूटा और शरीर पर कई वार

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 12:36 PM (IST)

    जसपुर के अमियावाला गांव में 14 वर्षीय किशोरी की हत्या से आक्रोश है। दुष्कर्म की आशंका के चलते पोस्टमार्टम हल्द्वानी में होगा जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम करेगा। किशोरी का शव गन्ने के खेत में मिला था जिस पर धारदार हथियार से वार किए गए थे। ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हाइवे जाम कर दिया।

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    14 वर्षीय मासूम किशोरी के साथ निर्मम हत्या और दुष्कर्म की आशंका. Jagran

    जासं, काशीपुर। जसपुर क्षेत्र के ग्राम अमियावाला में 14 वर्षीय मासूम किशोरी के साथ निर्मम हत्या और दुष्कर्म की आशंका को लेकर जसपुर में लोगों में आक्रोश है। संवेदनशील मामले को देखते हुए प्रशासन ने किशोरी का पोस्टमार्टम काशीपुर में न कराकर हल्द्वानी में कराने का निर्णय लिया है।

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    मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा। प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी और फॉरेंसिक टीम को शामिल किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से की जाएगी।

    किशोरी का शव घर से करीब 50 मीटर दूर गन्ने के खेत में मिला। शरीर पर धारदार हथियार से कई वार किए गए थे और हाथ भी टूटा हुआ था। घटना से गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जसपुर- काशीपुर हाइवे जाम कर दिया। हालात बिगड़ते देख बाजपुर तक से पुलिस बल बुलाना पड़ा।

    देर रात तक ग्रामीण सड़क पर डटे रहे थे। रात 11 बजे के बाद सड़क से जाम हटाया जा सका था। ग्रामीणों ने मासूम का पोस्टमार्टम पैनल व वीडियोग्राफी के बीच कराए जाने की मांग रखी थी जिसे मान लिया गया।

    जेल में बंद पिता होंगे बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल

    काशीपुर : जसपुर के ग्राम अमियावाला में मासूम किशोरी से दुष्कर्म के बाद हत्या की दर्दनाक वारदात से पूरा क्षेत्र गमगीन है। इसी बीच किशोरी के परिजनों की भावनाओं को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है। जेल में बंद किशोरी के पिता को बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति मिल गई है।

    घटना की सूचना मिलते ही पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। परिवार ने उनसे गुहार लगाई कि किशोरी के पिता, जो पिछले कुछ समय से जेल में बंद हैं, उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दिलाई जाए।

    पिता एनडीपीएस एक्ट के मामले में जेल में बंद है। परिवार की इस मांग पर डॉ. सिंघल ने तुरंत डीएम, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और जेल अधीक्षक से बात की। पहल का नतीजा यह रहा कि प्रशासन ने पिता को बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति देने पर सहमति जताई।