Updated: Sat, 13 Sep 2025 07:43 PM (IST)
उत्तराखंड अब एग्रो टूरिज्म कराएगा। पंत विश्वविद्यालय ने कुमाऊं और गढ़वाल मंडल विकास निगम को पत्र लिखकर पर्यटकों को विश्वविद्यालय भ्रमण कराने का आग्रह किया है। पर्यटकों को जैव विविधता मिलेट्स के महत्व और स्थानीय उत्पादों की जानकारी दी जाएगी। विश्वविद्यालय प्रति पर्यटक 1000 रुपये का शुल्क लेगा जिसमें आवास भोजन और भ्रमण शामिल होगा। महिला सशक्तिकरण और कृषि अनुसंधान को भी दिखाया जाएगा।
अनुज सक्सेना, जागरण रुद्रपुर। धार्मिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के लिए देश-दुनिया का पसंदीदा प्रदेश उत्तराखंड अब एग्रो टूरिज्म भी कराने जा रहा है। इसमें यहां की जैव विविधिता और उसकी विशेषता से सेहत सुधार रही दुनिया को इसके गुणों से अवगत कराने का वीणा विश्व विख्यात गोबिंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने उठाया है।
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कृषि को पर्यटन के पटल पर लाने के लिए विवि के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम को पत्र लिखकर पर्यटकों के लिए विवि का टूर कराने की पहल की है। देश में स्वस्थ सेहत को लेकर जहां हर कोई चिंतित है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अच्छी सेहत के लिए कई बार मोटापा घटाने और मिलेट्स का अधिक से अधिक प्रयोग करने की अपील कर चुके हैं। खानपान की इस मुहिम को सुविख्यात पंडित गोबिंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने अब पंख देने का निर्णय लिया है।
गेहूं की कल्याण सोना और सोनालिका जैसी किस्में विकसित कर देश में हरित क्रांति का बिगुल बजाने वाले पंत विवि ने अब एग्रो टूरिज्म की बड़ी जरूरत बताई है। इसके लिए विवि के कुलपति डा.मनमोहन सिंह चौहान ने कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम को पत्र लिखा है। डा.चौहान ने बताया कि हम चाहते हैं विभिन्न राज्यों से देवभूमि दर्शन के लिए आने वाले पर्यटक हरित क्रांति की जननी पंत यूनिवर्सटी का भ्रमण करें। इसके लिए हमने केएमवीएन व जीएमवीएन से संपर्क किया है। जल्द ही दोनों निगमों के प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक करने का विचार है।
हमने खाका बनाया है कि हम प्रति पर्यटक एक हजार रुपये शुल्क लेंगे। इसी शुल्क में पर्यटक दल को विवि के गेस्ट हाउस में ठहरया जाएगा, दिन का भोजन कराएंगे। सथ ही विवि की ओर से बस रहेगी, जिसमें उस पर्यटक दल को विवि का भ्रमण कराया जाएगा। उनको विवि में हो रहे नए-नए अविष्कार से रूबरू कराया जाएगा। यह बताया जाएगा कि मिलेट्स क्या है, इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए कितना बहुपयोगी है। 76 प्रकार से इसकी खाद्य सामग्री किस तरह तैयार हो सकती है। प्रदेश में होने वाले मडुवा, झिंगोरा, कौड़ी, कोदा और रागी जैसे उत्तम उत्पादों की जानकारी देंगे।
गेहूं की नेपाल व थाईलैंड में जबरदस्त डिमांड
पंत विवि एग्रो टूरिज्म में पर्यटकों को बताना चाहता है कि जैविक व प्राकृतिक खेती के उत्पादों का सेवन ही सेहत के लिए लाभकारी है। यहां विकसित की गई गेहूं की यूपी 262 प्रजाति की नेपाल और थाईलैंड में जबरदस्त डिमांड है। इसको कैसे विकसित किया और किस तरह उगाया जा रहा है, यह पर्यटकों को देखने व सीखने का मौका मिलेगा। हम बताएंगे कि विवि से विकसित विभिन्न फसलों की कुल 14 किस्मों को लैंड मार्क प्रजाति का सम्मान प्राप्त है।
बच्चे शोध तो महिलाएं देख सकेंगी आत्मनिर्भरता
पंत विवि ने एग्रो टूरिज्म में यह भी रखा है कि आने वाले टूरिस्ट दल को हम होम साइंस के उस होमवर्क को भी दिखाएंगे कि किस तरह यहां महिलाएं अपने उत्पादों की उपज, पैकेजिंग और मार्केटिंग से आत्मनिर्भरता की उड़ान भर रही हैं। दल में शामिल बच्चे लैबोरेट्री में होने वाले नए प्रयोगों को करीब से देख सकेंगे।
एग्रो टूरिज्म बहुत जरूरी है। इसके लिए ही पंतनगर विवि ने पहल की है। इसके लिए केएमवीएन के लिए पत्र लिखा है, जीएमवीएन को भी पत्र भेज रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जल्द ही इस पहल को जमीन पर उतारा जाए। - डा. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विवि पंतनगर
एग्रो टूरिज्म पर विवि का पत्र मेरे संज्ञान में आता है तो इस पर विवि के एक्सपर्ट संग बैठकर पूरी रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी। देखेंगे कि किस तरह क्या हो सकता है। - विनीत तोमर, एमडी, कुमाऊं मंडल विकास निगम
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