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    नार्मल के तीन और आपरेशन के पांच हजार

    By Edited By:
    Updated: Sun, 22 Jun 2014 12:10 AM (IST)

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    काशीपुर : राज्य सरकार गरीबों को मुफ्त उपचार दिलाने का भले दावा कर रही हो, लेकिन काशीपुर के सरकारी अस्पताल में यह दावे परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं। स्थिति यह है कि सबकुछ निशुल्क होने के बावजूद यहां प्रसव कराने पहुंचने वाली महिलाओं से खुलेआम सामान्य केस पर तीन और आपरेशन करने पर छह हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।

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    जच्चा बच्चा की मौत का आंकड़ा कम करने के लिए सरकारी अस्पतालों में प्रसूताओं के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। मगर धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक व स्टाफ पैसे के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। ऐसा कहीं हो रहा है अथवा नहीं, लेकिन एलडी भंट्ट सरकारी अस्पताल में तो लूट-खसोट की हदें ही पार दी हैं। यहां रोगी को तब तक टहलाया जाता है जब तक वह अलग से बात करने को तैयार नहीं हो जाता, उसके बाद जैसे-तैसे वह राजी हो भी गया तो आपरेशन या सामान्य कंडीशन में इलाज की दरें भी फिक्स हैं। लेकिन यह बात रोगी के सामने इलाज के बाद सामने आती है। नार्मल डिलीवरी पर उनसे जहां तीन हजार रुपये लिए जा रहे हैं, वहीं आपरेशन पर पांच से छह हजार फिक्स कर रखे हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है। कुमाऊं कालोनी निवासी सुनील कुमार ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि चार दिन पूर्व उनकी पत्नी सुनीति का आपरेशन से बच्चा हुआ था। शुक्रवार को चिकित्सकों ने उसे डिस्चार्ज किया। सुनील का आरोप है कि पहले तो महिला चिकित्सक ने उसे डिस्चार्ज के कागज नहीं बनाए, जब उसने वजह पूछी उनका कहना था कि आपरेशन की पांच हजार रुपये फीस है। जब तक यह फीस जमा नहीं करोगे छुट्टी नहीं मिलेगी। उसने जब चिकित्सक से सरकारी अस्पताल में मुफ्त उपचार की बात कही तो चिकित्सक भड़क गई। नतीजतन रोगी ने चिकित्सक को चार हजार रुपये देकर पीछा छुड़ाया। उनका कहना है कि भर्ती के दौरान भी काफी अड़चने खड़ी की गई थीं। इस संबंध में महिला चिकित्सक से बात करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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    == अस्पताल में इस तरह की अनियमितताएं अगर हैं तो यह गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच कराकर चिकित्सक के खिलाफ विभागीय कार्यवाई की जाएगी।

    -- डा. आरके सिन्हा, सीएमओ यूएसनगर