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    पांडवों ने की थी मोटेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना

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    Updated: Sun, 19 Feb 2012 02:15 AM (IST)

    काशीपुर, जागरण कार्यालय: काशीपुर, एक ऐतिहासिक नगर और यहां का मोटेश्वर महादेव शिवमंदिर द्वापर युग का इतिहास समेटे। हर साल महाशिवरात्रि पर यहां समूचा वातावरण शिवमय हो जाता है। कांवड़ियों हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लाकर पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक करते हैं तो बम-बम भोले और हर-हर महादेव के गगनचुंबी उद्घोषों से पूरा तीर्थधाम गूंजन लगता है।

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    मोटेश्वर महादेव शिवमंदिर, गोविषाण टीला और मां बाल सुंदरी मंदिर द्रोणासागर आदि पौराणिक तीर्थ स्थल व मंदिर हैं। ऐतिहासिक मोटेश्वर महादेव शिवमंदिर नगर के पास चैती में स्थित है। शिवमंदिर की स्थापना द्वापर युग में भीम ने गुरु द्रोणाचार्य व अपने परिवार के पूजा-अर्चना के लिए कराई थी। तभी से ऐतिहासिक मंदिर में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक होता आ रहा है। मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रमुख रूप से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के शिवभक्त हजारों की संख्या में हरिद्वार से कांवड़ में गंगा जल लाकर पूजा-अर्चना के साथ जलाभिषेक करते हैं। यहां पंजाब व हरियाणा के शिवभक्त भी जलाभिषेक करने आते हैं। शिवरात्रि पर मंदिर परिसर में दो दिवसीय मेला भी लगता है।

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