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    आज्ञा भई अकाल की तबै चलायो पंथ

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 23 Aug 2017 05:34 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, बाजपुर : आज्ञा भई अकाल की तबै चलायो पंथ, सब सिक्खन को हुकुम है गुरु मान्यो ग्रंथ। गुरु

    आज्ञा भई अकाल की तबै चलायो पंथ

    संवाद सहयोगी, बाजपुर : आज्ञा भई अकाल की तबै चलायो पंथ, सब सिक्खन को हुकुम है गुरु मान्यो ग्रंथ। गुरु गो¨वद ¨सह महाराज द्वारा यह हुक्म समूचे खालसा पंथ को दिया था। तभी से खालसा गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु मानता आ रहा है।

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    यह बात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रचारक सुप्रसिद्ध कथा वाचक भाई सर्वजीत ¨सह द्वारा गुरुद्वारा साहिब में ब्रह्मा ज्ञानी बाबा बुड्डा साहिब ग्रंथी सभा द्वारा आयोजित 413 साला प्रकाश पर्व पर कथा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि खालसा तभी खालिस है जब वह गुरु की वाणी से प्यार करे। इस मौके पर भाई मेहताब ¨सह के रागी जत्थे द्वारा वाणी गुरु, गुरु है वाणी, वाणी विच अमृत सारे.. का गायन करते हुए कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेकने का मतलब ही सभी धर्मों का सम्मान है। क्योंकि गुरु ग्रंथ साहिब में सभी धर्मो की वाणी समाहित है। भाई राजेंद्र ¨सह ने कहा कि वाणी का सत्कार करने वाला सभी प्रकार के मोह माया जाल से मुक्त होता है। भाई दर्शन ¨सह के रागी जत्थे ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में एक-एक शब्द ऐसा है जो हमें मानवता का संदेश देता है। गुरु साहिब हमें पल-पल वाणी के माध्यम से सचेत कर रहे हैं कि हम गलत मार्ग पर न जाएं, लेकिन हम गुरु से दूर होते जा रहे हैं। युवा पीढ़ी पहचान खोती जा रही है जिसे संभालने की आवश्यकता है।

    पंजाब से आए बीबी अमनदीप कौर के ढाडी जत्थे ने बाबा बंदा ¨सह बहादुर के जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सेवा में लगे ग्रंथियों समेत सितारगंज व वामवाड़ा रुद्रपुर से आए ज्ञानी बाबा साहिब ग्रंथी सभा के पदाधिकारियों को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक दलजीत ¨सह रंधावा, अवतार ¨सह, हरदयाल ¨सह, हरवीर ¨सह, रणधीर ¨सह आदि ने सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। आयोजन में ब्रह्मा ज्ञानी बाबा बुड्डा साहिब ग्रंथी सभा के अध्यक्ष अवतार ¨सह, कुलविदंर ¨सह बाबा, राजेंद्र ¨सह, रणधीर ¨सह, कुलदीप ¨सह, जसवंत ¨सह, मनजीत ¨सह, अमेंद्र ¨सह, सम्मन ¨सह, दलजीत ¨सह, संतोष ¨सह, गुरु तेज ¨सह समेत सैंकड़ों लोग मौजूद थे।