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    मां चामुंडा देवी मंदिर

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    Updated: Mon, 11 Apr 2016 05:10 PM (IST)

    इतिहास : काशीपुर : काशीपुर के ऐतिहासिक गिरीताल के पास मां चामुंडा देवी का मंदिर बना हुआ है। यह मां

    इतिहास :

    काशीपुर : काशीपुर के ऐतिहासिक गिरीताल के पास मां चामुंडा देवी का मंदिर बना हुआ है। यह मां के प्रसिद्ध शक्तिपीठ स्थलों में एक है। कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना चंद्र वंश के राजाओं ने की थी। इधर कुछ लोगों का मानना है कि मां का यह शक्तिपीठ स्वयं-भू स्थापित है। चैत्र व शारदीय नवरात्र में मां की विशेष पूजा के लिए काफी संख्या में भक्त यहां आते हैं। यहां श्रद्धालुओं द्वारा मांगी गई मन्नतों को मां अवश्य पूरी करती हैं।

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    विशेषता

    मां चामुंडा देवी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मां हर दुखी के दुख दूर करती हैं, निरोगी को निरोग करती है। मकर संक्रांति के दिन मंदिर में मां की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही मेले का आयोजन किया जाता है। शादी के बाद नवविवाहित पहले मां की पूजा करने के लिए यहां आते हैं। स्थानीय लोगों की मां पर बड़ी आस्था है।

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    वास्तुकला

    मंदिर परिसर के चारों ओर पंच पल्लव के पेड़- पिलखन, बड़, पीपल, आम, गूलर लगे हुए हैं, जो यहां के वातावरण को और दिव्य बना देते हैं। भक्त इन्हीं पंच पल्लव से विशेष पूजा करते हैं। मां चामुंडा के अलावा मंदिर में मां काली, भैरव की प्रतिमा भी चंद्र वंश के समय से स्थापित मानी जाती है। कुछ वर्षो में यहां हनुमान व शिव की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

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    ऐसे पहुंचे मंदिर

    मां का दरबार रामनगर रोड में गिरीताल के पास बना हुआ है, जो रेलवे स्टेशन से करीब दो किमी पर स्थित है। श्रद्धालु ई-रिक्शा व ऑटो से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। स्थानीय श्रद्धालु पैदल भी मां के दर्शनों को आते हैं।

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    मां चामुंडा देवी मंदिर की बहुत मान्यता है। यहां जो भी मन्नतें मांगता है। मां उन्हें खाली नहीं भेजती। मां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी करती हैं।

    - निर्मला कांडपाल, निकट गिरीताल

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    मां का दरबार बहुत प्राचीन है। यहां पंच पल्लव के पेड़ लगे हैं। इसका प्रयोग मां की आराधना करने में किया जाता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र में मां की विशेष पूजा अर्चना होती है। मकर संक्रांति पर यहां विशेष मेला लगता है। मां के दरबार से कोई निराश नहीं लौटता।

    - पूरन चंद्र कांडपाल, पुजारी

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