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    कब तक बूंद-बूंद को तरसेंगे ग्रामीण, टैंकर भी नहीं बुझा पा रहे प्यास

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jun 2018 05:13 PM (IST)

    टिहरी के अलग-अलग गांवों में इन दिनों पेयजल को ग्रामीण तरस रहे हैं। जलापूर्ति न होने से न सिर्फ लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं, बल्कि जल संस्थान के माथे पर भी बल पड़ गए हैं।

    कब तक बूंद-बूंद को तरसेंगे ग्रामीण, टैंकर भी नहीं बुझा पा रहे प्यास

    नई टिहरी, [जेएनएन]: नई टिहरी में पेयजल संकट ने लोगों और जल संस्थान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जल संस्थान अब टैंकरों के सहारे लोगों की प्यास बुझा रहा है। बुधवार को भी नई टिहरी के कई क्षेत्रों में पानी नहीं आया। वहीं बौराड़ी में तो पानी की आपूर्ति ही नहीं हुई। 

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    नई टिहरी के भैंतोगी में जल संस्थान के पंङ्क्षपग स्टेशन में लगे उपकरण फुंकने से पिछले कुछ दिन से पानी नहीं आ रहा है। बुधवार को बौराड़ी में पेयजल की सप्लाई नहीं हो पाई। जबकि नई टिहरी में कुछ मिनट के लिए पानी आया। प्रशासन ने जल संस्थान और टीएचडीसी के टैंकरों से पानी की आपूर्ति की। सुबह से लेकर दोपहर तक टैंकरों से पानी की सप्लाई की गई। पिछले 15 दिन से नई टिहरी में जल संकट है। घनसाली, चंबा और प्रतापनगर क्षेत्र में भी जल संकट से लोग परेशान हैं। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सतीश चंद्र नौटियाल ने बताया कि पंपिंग स्टेशन में मोटर ठीक की जा रही है। गुरुवार को शहर में पेयजल आपूर्ति  हो जाएगी।

    समस्या को लेकर डीएम से मिला मंच 

    नई टिहरी में अनियमित पेयजल आपूर्ति को लेकर नागरिक मंच का प्रतिनिधि जिलाधिकारी सोनिका से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। नागरिक मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि नई टिहरी में पिछले कई दिन से पानी नहीं आ रहा है। पानी की आपूर्ति न होने के कारण लोग परेशान हैं। पानी का स्रोत नजदीक नहीं होने से लोगों को हैंडपंप व जल स्रोतों से पानी लाना पड़ रहा है।

    उनका कहना है कि अनुमंतराव कमेटी की संस्तुति तथा मानवाधिकार आयोग के निर्णय के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने की मंच मांग कर रहा है। इसके अलावा प्रतिनिधमंडल ने पानी की समस्या को देखते हुए नई टिहरी में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ढाईजर एवं बुडोगी रोड स्थित पेयजल स्रोत से पानी को टेप करने की मांग की है। उन्होंने इस मामलें में शीघ्र कार्रवाई करने व पानी के दीर्घकालीन समाधान के लिए रीह घुत्तू ग्रेविटी पेजयल योजना की डीपीआर बनाए जाने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष सुंदरलाल उनियाल, मंत्री चंडी प्रसाद डबराल, करम सिंह तोपवाल, उत्तम रावत, मोहन सिंह रावत, गुरु प्रसाद आदि मौजूद थे। 

    स्यालसी व गौरण गांव में पानी का संकट

    नैनबाग : प्रखंड जौनपुर के स्यालसी व गौरण में पेयजल संकट होने से ग्रामीणों को पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने टैंकर के जरिये पेयजल आपूर्ति की मांग की है। प्रखंड जौनपुर के अंतर्गत ग्राम स्यालसी में विगत 15 दिन से पेयजल संकट बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर गौरण गांव में भी पानी नहीं आ रहा है। यहां ग्रामीण दो किलोमीटर दूर प्राकृतिक जल स्रोत से पानी ला रहे हैं। इसके अलावा जौनपुर के धनोल्टी क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव में पानी की समस्या है।  

    ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन प्रेषित कर टैंकर से पेयजल आपूर्ति की मांग की है। ग्राम प्रधान मगन लाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य मुन्नी देवी, सामाजिक कार्यकर्ता नवीन नौटियाल, शीला देवी, अनिता देवी का कहना है कि घर का अन्य कार्य छोड़कर उनका अधिकांश समय पानी ढोने में ही बीत रहा है।

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