दिल्ली से लौटे दो भाइयों ने बंजर खेतों में उगाई सफलता की कहानी, सालभर में कमाए 24 लाख, कइयों को दिया रोजगार
Uttarakhand News टिहरी जिले के वीरान होते चंबा गांव के डडूर गांव के बंजर होते खेतों में जब दो भाइयों ने उम्मीद के बीज डाले तो सफलता की फसल लहलहा उठी। आज उनके पास गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा मशरूम प्लांट है।
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: Uttarakhand News: टिहरी जिले के वीरान होते चंबा गांव के डडूर गांव के बंजर होते खेतों में जब दो भाइयों ने उम्मीद के बीज डाले तो सफलता की फसल लहलहा उठी।
डडूर गांव के रहने वाले सुशांत और प्रकाश उनियाल ने दिल्ली में नौकरी छोड़कर गांव में मशरूम प्लांट लगाया और सफलता उनके कदम चूमने लगी। आज उनके पास गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा मशरूम प्लांट है और वो सफल उद्यमी की कतार में शामिल हो गए हैं।
2018 में गांव लौट आए दोनों भाई
डडूर गांव निवासी सुशांत उनियाल दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर काम करते थे और उनके भाई प्रकाश बैंक में कार्यरत थे।
देश की राजधानी में वो काम तो करते थे, लेकिन उनका दिल अपने गांव में ही बसता था। पलायन से खाली होते गांव और बंजर खेतों को देख सुशांत और प्रकाश ने गांव लौटने का फैसला किया और 2018 में दोनों गांव लौट आए।
उन्होंने गांव में व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार की मिशन आफ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट आफ हिल्स (एमआइडीएच) योजना के तहत 28.65 लाख रुपये का लोन लिया और गांव में ही ढिंगरी मशरूम का प्लांट लगाया।
इसके बाद उन्होंने गांव और आसपास के युवाओं को जोड़ा। कारोबार चल गया और लाकडाउन में भी उन्होंने 10 लाख रुपये का व्यापार किया। अब उनके उत्पाद चंबा, नई टिहरी, ऋषिकेश, देहरादून और दिल्ली तक जाते हैं।
वर्षभर में 24 लाख से ज्यादा टर्नओवर
सुशांत और प्रकाश का मशरूम प्लांट गढ़वाल का सबसे बड़ा प्लांट है। यहां हर माह एक हजार किलो ढिंगरी मशरूम का उत्पादन होता है। स्थानीय बाजार में वह 150-180 रुपये किलो की दर से मशरूम बेचते हैं।
उसके अलावा वह मशरूम और लहसुन का आचार भी बेचते हैं। इससे उन्हें वर्षभर में 24 लाख का टर्नओवर हो रहा है। इसके अलावा दोनों भाइयों को अब अन्य कार्यक्रमों में भी मशरूम प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया जाता है।
20 युवाओं को दे रहे रोजगार
सुशांत और प्रकाश के मशरूम प्लांट से 15-20 युवाओं को रोजगार मुहैया हो रहा है। सुशांत बताते हैं, 15 युवा नियमित रूप से उनके प्लांट में काम करते हैं। इसके अलावा अन्य पांच युवाओं को वह वर्कलोड के हिसाब से काम पर बुलाते हैं। सीजन के दौरान तो 20 से ज्यादा कर्मचारी भी प्लांट में कार्य करते हैं। इसके अलावा पवन नेगी सुपरवाइजर पद पर कार्यरत हैं।