टिहरी: महिला का कराया जा रहा था प्रसव, अचानक चली गई लाइट; डाक्टरों ने ऐसे कराई डिलीवरी
टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लाक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चौंड में अचानक बिजली गुल हो जाने और जेनरेटर में भी डीजल न होने के कारण चिकित्सक को एक महिला का प्रसव मोबाइल फोन की रोशनी में कराना पड़ा।
संवाद सूत्र, लंबगांव (टिहरी)। पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है, इसकी बानगी सोमवार शाम टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लाक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चौंड में देखने को मिली। अचानक बिजली गुल हो जाने और जेनरेटर में भी डीजल न होने के कारण चिकित्सक को एक महिला का प्रसव मोबाइल फोन की रोशनी में कराना पड़ा। हैरानी की बात यह कि स्वास्थ्य विभाग ने यह तक जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर यह स्थिति क्यों आई। सीएमओ डा. संजय जैन ने भी यह कहकर लापरवाही के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ दिया कि मंगलवार को अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करवा दी गई है।
वाकया सोमवार शाम लगभग छह बजे का है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौंड में एक महिला को स्वजन प्रसव के लिए लेकर आए थे। उसका सामान्य प्रसव कराया जा रहा था, इसी दौरान अस्पताल की बिजली गुल हो गई। डीजल उपलब्ध न होने के कारण अस्पताल का जेनरेटर भी नहीं चलाया जा सका। आनन-फानन चिकित्सक व कर्मचारियों ने दो मोबाइल की फ्लैश लाइट के सहारे प्रसव कराया। इसमें करीब दस मिनट का समय लगा। सीएचसी के प्रभारी डा. आकाशदीप ने बताया कि अचानक लाइट चले जाने के कारण उनके पास मोबाइल फोन की लाइट की एकमात्र विकल्प थी।
जनरेटर होने के बावजूद अस्पताल में इसके लिए डीजल क्यों उपलब्ध नहीं था। इसकी जिम्मेदारी किसकी थी, विभागीय अधिकारियों ने इसका पता लगाना भी जरूरी नहीं समझा। अलबत्ता, सीएमएमओ डा. संजय जैन ने इतना जरूर बताया कि मंगलवार को अस्पताल में इनवर्टर की व्यवस्था कर दी गई है। जनरेटर के लिए डीजल भी उपलब्ध करा दिया गया है, ताकि इस तरह की परेशानी दोबारा पेश नहीं आने पाए।
उधर, प्रतापनगर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग पर सीएचसी की उपेक्षा का आरोप लगाया है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रतापनगर प्रदीप रमोला ने कहा कि अस्पताल में जिस फीडर से लाइट जोड़ी गई है, उसमें बहुत लोड है और अक्सर अस्पताल की बत्ती गुल हो जाती है। इसलिए अस्पताल को दूसरे फीडर से बिजली दी जाए।
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