Uttarakhand: आसमानी आफत से नरेंद्रनगर में भारी तबाही, स्कूल की छत गिरी और बह गया फर्नीचर; रात भर भागते रहे लोग
नरेंद्रनगर के डौर गांव में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई। पुलिया बहने से गांव का संपर्क टूट गया खेत और पेयजल लाइनें नष्ट हो गईं। बिजली गुल होने से अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी। जूनियर हाईस्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गया। ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग की है और प्रशासन ने मुआवजे का आश्वासन दिया है। क्षेत्र में पिछले एक महीने से निरंतर भारी बारिश जारी है।

संवाद सूत्र, नरेंद्रनगर। नरेंद्रनगर के समीप ग्राम पंचायत डौर में मूसलधार बारिश से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनको देख लोगों का दिल दहल उठा है। यूं तो क्षेत्र में पिछले एक महीने से निरंतर भारी बारिश जारी है। लेकिन बीते बुधवार की रात्रि डौर गांव के लोगों के लिए कयामत बनकर आई। दहशत के साए में ग्रामीण रात भर जागते रहे। विद्युत आपूर्ति ठप होने से लोगों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी। आंखों को चकाचौंध करने वाली बादलों के गर्जना से लोग रातभर भयभीत रहे।
आसमानी आफत कहे जाने वाली बारिश ने नरेंद्रनगर के डौर गांव में ऐसा कहर बरपाया कि गांव के संपर्क मार्ग खत्म हो गए हैं। गांव को जोड़ने वाली तीन पुलिया पूर्ण रूप से बह गई हैं। ग्रामीणों के खेत-खलियान, पेयजल लाइन व सिंचाई नहर नष्ट हो गए हैं। गांव में पीने के पानी के लिए कोई भी स्रोत नहीं बचा है। जिससे ग्रामीण चिंतित हैं। इस भारी बरसात के मलबे से गांव का जूनियर हाईस्कूल भी पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है।
विद्यालय की छत नीचे गिर गई है और फर्नीचर बह गया है। शौचालय व किचन मालबे में बह गए हैं। गांव वालों को अब चिंता सता रही है कि उनके बच्चे पठन-पाठन के लिए कहां जाएंगे। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2011 में भी एक बड़ी आपदा इस गांव ने झेली है। जिसमें छह जिंदगियां मलबे में दफन हो गई थीं।
ग्रामीणों को हर वर्ष ऐसी ही परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस गांव को विस्थापन करने की कार्रवाई की जाए। उधर, गांव में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रधान प्रतिनिधि विक्रम कैंतुरा व तहसील प्रशासन की ओर से पटवारी विनोद राणा ने ग्रामीणों की क्षतिपूर्ति का आंकलन किया।
ग्रामीणों के लिए कहर बनी इस आपदा पर नरेंद्रनगर तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने कहा कि पटवारी की आख्या के आधार पर ग्रामीणों को यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति राहत धनराशि दी जाएगी। इस आपदा के कारण प्रेम सिंह पुंडीर, जोत सिंह पुंडीर, कुंवर सिंह नेगी, ज्ञान सिंह नेगी, राजेंद्र पुंडीर, रविंद्र पुंडीर, मुसद्दी कैंतुरा, अरविंद सिंह, पूरन सिंह, अर्जुन, प्रेम सिंह कैंतुरा, सुंदर सिंह आदि ग्रामीणों को प्रमुख रूप से नुकसान हुआ है।
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