नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को 10 साल की जेल, 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगा
टिहरी गढ़वाल में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने दोषी सुरेश कुमार को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता 2018 में लापता हो गई थी और बाद में पुलिस ने उसे आरोपी के साथ सहारनपुर से बरामद किया था। अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

संवाद सहयोगी जागरण, नई टिहरी। नाबालिग को बहला-फुसलाकर उसके साथ कई माह तक दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) की अदालत ने 10 साल के कठोर कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को प्रतिकर के रूप में 5 लाख रुपये की धनराशि 30 दिन के अंदर देने के भी आदेश पारित किए हैं।
विकासखंड जौनपुर के एक गांव की 16 वर्षीय नाबालिग 19 अप्रैल 2018 को बिना बताए घर से चली गई थी। नाबालिग के माता-पिता से लेकर स्वजनों की ओर से आसपास काफी खोजबीन करने के बाद भी उसका कोई पता नहीं लग गया।
इसके बाद पिता 20 अप्रैल को बेटी को ढूंढने के लिए हाथी खाना चौक देहरादून पहुंचे। जहां उन्हें उनके ही गांव के तीन लोग मिले। उक्त लोगों ने बताया कि उनकी पुत्री यहां आसपास एक घर में जाती हुई देखी गई है। नाबालिग के पिता ने इसकी सूचना 21 जुलाई 2018 को पर थाना रायपुर को दी।
घटना टिहरी जिले से संबंधित होने के कारण पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल के निर्देश पर थाना चंबा को जांच के सौंप दी गई। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो महेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि थाना चंबा ने 26 सितंबर 2018 को मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई।
बताया कि पुलिस ने 8 नवंबर 2018 को नाबालिग को आरोपी सुरेश कुमार के साथ सहारनपुर के एक ढाबे से बरामद किया। पुलिस ने आरोपी को पोक्सो सहित अन्य कई धाराओं में गिरफ्तार करते हुए न्यायालय के आदेश पर नई टिहरी जेल भेजा।
साथ ही नाबालिग का मेडिकल परीक्षण जिला अस्पताल में कराया। मेडिकल में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने 4 जनवरी 2019 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। पीड़िता ने न्यायालय में बताया कि आरोपी ने उसे बहला-फुसला कर अपने साथ देहरादून, सहारनपुर सहित कई स्थानों पर ले जाकर दुष्कर्म किया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कई दस्तावेज और गवाह पेश किए। विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) अमित कुमार सिरोही की अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से पेश किए साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी सुरेश कुमार को 10 साल का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं भरने की दशा में आरोपी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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