दिव्य व भव्य दिख रहा सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर का नया स्वरूप
संवाद सहयोगी नई टिहरी प्रसिद्ध सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर का नया दिव्य व भव्य स्वरूप हर किसी क

संवाद सहयोगी, नई टिहरी : प्रसिद्ध सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर का नया दिव्य व भव्य स्वरूप हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस मंदिर को संवारने में करीब ढाई करोड़ की धनराशि खर्च हुई है।
भिलंगना प्रखंड का प्रसिद्ध सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर को संवारने में छह साल का समय लगा। यह सिद्धपीठ जिला मुख्यालय से करीब 90 किमी दूर हैं। इस मंदिर का नया डिजाइन तैयार करने के लिए राजस्थान से कारीगर व पत्थर मंगाए थे। घने देवदार व चीड़ के जंगल के बीच स्थित यह प्राचीन मंदिर आस्था व श्रद्धा का केंद्र है। इस सिद्धपीठ के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। करीब आठ साल पहले क्षेत्रवासियों ने बैठक कर इस मंदिर को भव्य बनाए जाने के लिए चर्चा की थी। लेकिन समस्या यह थी कि इतना पैसा कहां से आएगा। लेकिन माता के प्रति क्षेत्रवासियों की आस्था इतनी गहरी है कि सभी इसके लिए आगे आए और जितना जिन से बन पड़ा क्षेत्रवासियों ने बढ़-चढ़कर इसमें सहयोग किया। खासकर क्षेत्र के प्रबुद्ध जन, आर्थिक रूप से संपन्न लोग ने काफी मदद की और आज करीब ढाई करोड़ की लागत से माता के मंदिर नए स्वरूप में दिखने लगा है। चैत्र नवरात्रि में हर साल लगता है मेला
इस सिद्धपीठ पर चैत्र माह में हर साल दस दिन का भव्य मेला आयोजित होता है। इस बार यह मेला दो अप्रैल से शुरू होगा। मेला समिति इसकी तैयारी में जुट गई है। मेले दूर-दराज क्षेत्र से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। सुबह से ही माता के दर्शन के लिए श्रद्धालु यहां पहुंच जाते हैं। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अमन भट्ट का कहना है इस नवरात्र में मंदिर श्रद्धालुओं को नए डिजाइन में मिलेगा।
मंदिर के सुंदरीकरण व अन्य कार्य करीब पूरे हो गए हैं और अब मंदिर नए स्वरूप में दिखने लगा है। इसके लिए क्षेत्रवासियों व जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा है। यह माता के प्रति अटूट आस्था का ही फल है।
-बचल सिंह रावत, अध्यक्ष मंदिर समिति
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