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    Uttarakhand Weather: बादलों की ‘दहाड़’ से टूटा ‘पहाड़’

    उत्तराखंड में भारी बारिश से भूस्खलन से तबाही आ गई है। उत्तरकाशी से लेकर ऋषिकेश तक लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं। जिले में गंगोत्री हाईवे धरासू के पास करीब चार घंटे तक अवरुद्ध रहा। जबकि यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट धरासू बैंड और कल्याणी के पास करीब 10 घंटे तक अवरुद्ध रहा। पर्वतीय क्षेत्र में तीन हाईवे 10 राज्यमार्ग समेत 153 सड़कें बंद हो गई हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 15 Aug 2023 09:26 AM (IST)
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    Uttarakhand Weather: बादलों की ‘दहाड़’ से टूटा ‘पहाड़’

    गढ़वाल, जागरण टीम। पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड हाईवे तीन स्थानों पर ध्वस्त हो गया। साथ ही केदारनाथ पैदल मार्ग भी भैरव गदेरा और लिनचोली में 100 मीटर तक बह गया है। इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे 10 स्थानों पर अवरुद्ध है। पीपलकोटी के पास भारी मलबा आने के कारण हाईवे का कुछ हिस्सा ध्वस्त हो गया है। उधर, टिहरी जिले में बगड़धार के पास गंगोत्री हाईवे चौथे दिन सुचारु हो पाया, जिसके पास आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारु हो गई है।

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    उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे धरासू के पास करीब चार घंटे तक अवरुद्ध रहा। जबकि, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट, धरासू बैंड और कल्याणी के पास करीब 10 घंटे तक अवरुद्ध रहा। पर्वतीय क्षेत्र में तीन हाईवे, 10 राज्यमार्ग और 140 संपर्क मार्ग समेत 153 सड़कें बंद हो गई हैं। इसके कारण 233 गांवों का संपर्क कट गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि, गौरीकुंड हाईवे बांसवाड़ा और कुंड बैराज के पास नदी में समा गया। जबकि, हाईवे पर कई स्थानों पर लगातार मलबा और चट्टान गिर रहे हैं।

    केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली में अतिवृष्टि से कपिल बहादुर (27) निवासी सुखद कैलाली, शेती, नेपाल की मौत हो गई, जबकि पत्नी और बच्ची सुरक्षित हैं। इसके कारण लिनचोली छानी कैंप में चार दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई और एक दुकानदार लापता है। उधर, मध्यमेश्वर घाटी के गोंडार में बनतोली पुलिया बहने से द्वितीय केदार मध्यमेश्वर में स्थानीय निवासियों समेत 250 से अधिक यात्री फंसे हैं। यात्रियों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और तहसील प्रशासन की टीम को मौके लिए रवाना किया गया है। टिहरी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर बगड़धार, हिंडोलाखाल, फकोट में मलबा आने से चौथे दिन यातायात सुचारु कर दिया गया।

    हाईवे पर भूस्खलन का प्रकोप

    वहीं ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे देवप्रयाग के समीप कई जगहों पर मलबा आने से दिनभर बाधित रहा। उत्तरकाशी जिले में सोमवार तड़के साढ़े तीन बजे जल्ला डोगरी क्षेत्र में बादल फटने से भूमि देवी (55) निवासी दुचाणु मोरी उफान की चपेट में आकर लापता हो गई। इसके अलावा मदन सिंह और बहू सुमित्रा देवी को ग्रामीणों ने बचा लिया। गंभीर रूप से घायल दोनों लोगों को उपचार के लिए आराकोट पहुंचाया गया है। डीएम अभिषेक रुहेला ने बताया कि प्रभावितों को सहायता राशि दी गई है।

    उधर, बदरीनाथ हाईवे पागलनाला, पीपलकोटी, नंदप्रयाग, बाजपुर, छिनका, गुलाबकोटी, बेलाकुची, टंगणी, हाथीपर्वत और विष्णुप्रयाग में अवरुद्ध है। टिहरी जिले में भारी वर्षा से पुजाल्डी गांव में दो भवनों के चौक क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे भवन खतरे की जद में आ गए। आठ ग्रामीणों के मछली के तालाब बह गए। चंबा-मसूरी मोटर मार्ग पर रौंसलीखाल में एडवेंचर कैंप को भी नुकसान पहुंचा है। राजस्व उप निरीक्षक प्रभा सकलानी ने नुकसान का जायजा लिया। वहीं नागणी में हेंवल नदी उफान पर आने से एक दर्जन ग्रामीणों के खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। चंबा-पुरानी टिहरी रोड पर एक दुकान के पीछे भूस्खलन होने से दुकान क्षतिग्रस्त हो गया।

    चमोली में बादल फटने से तबाही

    चमोली जिले में बादल फटने से पीपलकोटी, अगथला, मल्ला काणा, खंडरा कौंज पोथनी में भारी तबाही हुई। नंदानगर और पीपलकोटी क्षेत्र में बरसाती नाला उफान पर आने से घरों में मलबा घुस गया। पीपलकोटी के अगथला गांव निवासी जोत सिंह (52) रात करीब 10 बजे घर के समीप बरसाती नाले के पानी की निकासी देखने बाहर आए थे, जिनकी उफान के चपेट में आकर मृत्यु हो गई। पीपलकोटी में नगर पंचायत कार्यालय के समीप गदेरा उफान पर आने से नगर पंचायत कार्यालय व आसपास के घरों में मलबा घुस गया। हालांकि गदेरे में पानी बढ़ते ही लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे।

    आसमानी आफत से जनता बेहाल

    नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश चंद्र बंडवाल ने बताया कि तीन सरकारी वाहन मलबे में दबे हैं। गडोरा गांव निवासी कमलेश देवली ने तीन महीने पहले ही कर्ज लेकर बदरीनाथ हाईवे के पास ढाबा शुरू किया था, जो भारी वर्षा के चलते पूरी तरह ध्वस्त हो गया। अब उनके सामने कर्ज चुकाने के साथ परिवार के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। कमलेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और उनके पिता भी लकवाग्रस्त हैं।

    पानी से खेती हुई बर्बाद

    इसके अलावा काणा में चार गोशालाएं क्षतिग्रस्त होने से कई मवेशी मलबे में दब गए। गांव का प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन और पेयजल लाइन पूरी तरह मलबे की चपेट में आ गई। साथ ही सैकड़ों नाली कृषि भूमि भी नष्ट हो गई है। कौंज पोथनी की सरपंच सरिता देवी ने बताया कि, गांव के ऊपर से आए भारी पानी और मलबे से कृषि भूमि, पैदल रास्ते, मोटर मार्ग और पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है।

    जिला पंचायत सदस्य सैंजी वार्ड की दीपा राणा ने बताया कि, निजमुला घाटी के गाड़ी गांव से सैंजी गांव जाने वाले पैदल पुलिया भी ध्वस्त हो गई है, जिससे 70 परिवारों की आवाजाही ठप हो गई है। बिरही-निजमुला मोटर मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। निजमुला घाटी को जाने वाले रास्ते में वीर गंगा पर बनी दो पुलिया भी बह गई है, जिससे पूरी घाटी के ग्रामीणों का संपर्क सड़क से पूरी तरह कट गया है।

    अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्र का सीएम ने किया निरीक्षण

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्र का सोमवार को हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा और पौड़ी के डीएम आशीष चौहान को आपदा प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत और सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यमकेश्वर ब्लाक के मोहनचट्टी जोगियाणा समेत अन्य क्षेत्रों में आई आपदा का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों से पूरा ब्योरा लिया। बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए लगातार अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है। कम से कम रिस्पांस टाइम में प्रभावितों तक अधिकाधिक मदद पहुंचानी है।

    चारधाम यात्रा स्थगित

    सीएम धामी ने कहा कि वर्षा को देखते हुए मंगलवार तक चारधाम यात्रा स्थगित की गई है। चारधाम यात्रा मार्गों की स्थिति की निरंतर समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित अधिकारियों को बाधित सड़कों की मरम्मत कराकर इन्हें खुलवाने, आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने, जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने, दवा आदि का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षति का व्यापक रूप से आकलन करने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का पहला प्रयास यही है कि वर्षा के कारण अस्त-व्यस्त हुई स्थिति को सामान्य किया जाए।