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तूफान से टिहरी झील में डूबीं आधी दर्जन बोटें, 30 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे

तूफान से टिहरी झील में आधा दर्जन बोट पानी में डूब गई जिससे बोट मालिकों को काफी नुकसान हुआ। किसी तरह से बोटों को पानी से तो निकाला गया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 10:50 AM (IST)
तूफान से टिहरी झील में डूबीं आधी दर्जन बोटें, 30 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे
तूफान से टिहरी झील में डूबीं आधी दर्जन बोटें, 30 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे

नई टिहरी, जेएनएन। बीती गुरुवार को आए तूफान से टिहरी झील में आधा दर्जन बोट पानी में डूब गई, जिससे बोट मालिकों को काफी नुकसान हुआ। किसी तरह से बोटों को पानी से तो निकाला गया, लेकिन बोटों का इंजन खराब होने से बोट मालिक बेहद परेशान हैं। वहीं, बीते बुधवार की रात को अवरुद्ध हुए गंगोत्री हाईवे को सीमा सड़क संगठन के जवानों ने 30 घंटे बाद सुचारू कर दिया है।

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लॉकडाउन के चलते इस बार टिहरी झील में संचालित वोट मालिकों को पहले ही काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अब गत दिवस आए तूफान से आधा दर्जन बोट झील में डूब गई। बोट यूनियन के संरक्षण कुलदीप पंवार कहना है कि गुरुवार को आए तूफान से बोट मालिक प्रदीप, मनीष रावत, अनुज, नरी उनियाल, सतपाल, दिनेश सिंह की बोट पानी में डूब गई, जिसे शुक्रवार को किसी तरह पानी से निकाला गया लेकिन रातभर पानी में डूबने से नाव को भारी नुकसान पहुंचा है। उनका कहना है कि पहले ही बोट मालिकों को घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं, बोट को नुकसान पहुंचने से वे परेशान हैं।

पंवार ने कहा झील में केवल मार्च, अप्रैल, जून, जुलाई में ही वे सालभर की रोजी-रोटी कमाते हैं, लेकिन इस बार उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है। कुलदीप पंवार ने सरकार से प्रभावितों को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है। मांग करने वालों में दिनेश पंवार, प्रमोद नेगी, मनीष, ललित कुमार आदि शामिल थे।

30 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे, लोगों को मिली राहत

बीते बुधवार की रात को अवरुद्ध हुए गंगोत्री हाईवे को सीमा सड़क संगठन के जवानों ने गुरुवार की दोपहर को सुचारु कर दिया है। बीआरओ के जवानों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए युद्ध स्तर पर जुट कर हाईवे पर आई भारी चट्टान को हटाया। भले अभी भी गंगोत्री हाईवे पर कई स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर गंगोत्री की गंगनानी के पास बुधवार की रात को भारी भूस्खलन हुआ। इससे उपला टकनौर के हर्षिल, मुखवा, धराली, पुराली, जसपुर, झाला, सुक्की सहित हुरी, भंगेली गांवों से संपर्क कटा। इसके साथ ही गंगोत्री धाम और भारत-चीन सीमा की चौकियों से भी संपर्क कटा। बीआरओ के जवान गुरुवार की सुबह से मार्ग खोलने में जुट गए थे।

बीआरओ के अधिकारियों ने कोविड-19 के कहर के बीच शारीरिक दूरी का पालन करने के निर्देश जवानों को दिए साथ ही मौके पर जाकर जवानों को हौसला भी बढ़ाया। बीआरओ के ओसी मेजर अवनीश शर्मा ने बताया कि बीआरओ के जवानों ने युद्ध स्तर पर हाईवे को खोलने का काम किया। हाईवे पर भारी बोल्डर आए थे। शुक्रवार दोपहर को हाईवे सुचारु किया गया।

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चमोली में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी

चमोली जनपद के बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी की ऊंची चोटियों पर लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा नीती, मलारी घाटी में भी रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। वहीं निचले इलाकों में कभी आसमान में बादल छाने तो कभी बूंदाबांदी के चलते ठंड बरकरार है। 

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