Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chardham yatra: गंगोत्री और बदरीनाथ हाईवे की ऑलवेदर रोड पर भी सफर करना बना जोखिम भरा, यहां हैं 60 डेंजर जोन

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 23 Jun 2021 12:12 PM (IST)

    Chardham Yatra सुरक्षित और आसान सफर के लिए बनाई गई ऑलवेदर रोड में भी सफर करना जोखिम भरा बना है। ऋषिकेश-गंगोत्री और बदरीनाथ राजमार्ग पर 60 खतरनाक दुर्घ ...और पढ़ें

    Hero Image
    गंगोत्री व बदरीनाथ राजमार्ग की ऑलवेदर रोड में 60 डेंजर जोन।

    अनुराग उनियाल, नई टिहरी। Chardham Yatra सुरक्षित और आसान सफर के लिए बनाई गई ऑलवेदर रोड में भी सफर करना जोखिम भरा बना है। ऋषिकेश-गंगोत्री और बदरीनाथ राजमार्ग पर 60 खतरनाक दुर्घटना संभावित डेंजर जोन चिह्नित किए गए हैं। प्रशासन ने निर्माणदायी कंपनियों को जल्द से जल्द इन डेंजर जोन पर सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टिहरी जिले में ऑलवेदर रोड का निर्माण अपने अंतिम दौर में है, लेकिन इस राह पर भी वाहन चालकों के लिए खतरा बना हुआ है। मानसून शुरू होने से पहले बीते मार्च माह में जिला प्रशासन ने ऋषिकेश-गंगोत्री और ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग के टिहरी जिले में पड़ने वाले हिस्से का सर्वे कराया था। इस सर्वे में गंगोत्री राजमार्ग पर 23 और बदरीनाथ राजमार्ग पर 37 दुर्घटना संभावित स्थल चिह्नित किए गए।

    प्रशासन और एआरटीओ की संयुक्त टीम ने इन स्थानों पर सर्वे किया और रिपोर्ट में लिखा कि यहां पर निर्माण के दौरान कुछ कमियां होने के कारण दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। जिसके बाद बीआरओ, एनएच के अधिकारियों को भी पत्र भेजकर सूचित किया गया था। बीते अप्रैल माह में संयुक्त टीम ने प्रशासन और शासन को रिपोर्ट भेज दी थी।

    ऑलवेदर रोड के डंपिंग जोन भी बड़ा खतरा

    ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग पर चंबा से कांडीखाल के बीच 14 स्थानों पर ऑलवेदर रोड का मलबा भी मानसून सीजन में दुर्घटना का कारण बन सकता है। पिछले महीने जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम रविंद्र जुवांठा और आपदा नियंत्रण कक्ष की टीम ने इस रोड का सर्वे किया। सर्वे में 14 स्थानों पर मलबा और पहाड़ी की कटिंग के चलते दुर्घटना का खतरा बताया गया है। यहां पर तेज बरसात में मलबा ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही ला सकता है। एसडीएम रविंद्र जुवांठा ने बताया कि इन स्थानों पर जल्द से जल्द सुरक्षा प्रबंध के निर्देश बीआरओ को दिए गए हैं।

    क्या हैं प्रमुख कमियां

    • कई जगह क्रैश बैरियर न होना
    • सड़क किनारे मलबा होना
    • पहाड़ के ऊपर अटकी चट्टानें
    • सड़क का संकरा होना
    • पैराफिट न होना
    • सड़क का डामरीकरण उखड़ना

    टिहरी की जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्व ने बताया कि जिले में सड़कों की रुटीन की रिपोर्ट बनाई जाती है। चंबा से कांडीखाल के बीच दुर्घटना संभावित क्षेत्र में निर्माण एजेंसियों को सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। मानसून सीजन से पहले यह कार्य करने के निर्देश दिए गए थे।

    यह भी पढ़ें- Chardham Yatra: एक जुलाई से दो चरणों में खुलेगी चारधाम यात्रा, कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें