बदरीनाथ हाईवे पर शाम साढ़े पांच बजे के बाद नही चल पाएंगे वाहन, आदेश जारी
बदरीनाथ राजमार्ग पर शाम साढ़े पांच बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक वाहन नहीं चल पाएंगे। जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव ने रविवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। शनिवार को प्रशासन की टीम के निरीक्षण के बाद ही मार्ग खोलने का फैसला किया था।
नई टिहरी, जेएनएन। ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर शाम साढ़े पांच बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक वाहन नहीं चल पाएंगे। जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव ने रविवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आपको बता दें बीते शनिवार को प्रशासन की टीम के निरीक्षण के बाद ही मार्ग खोलने का फैसला किया था। अब रविवार को जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने वाहनों के संचालन समय को लेकर आदेश जारी किए हैं।
एसडीएम कीर्तिनगर आकांक्षा वर्मा ने बताया कि छोटे वाहन सुबह छह बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक चल सकेंगे, लेकिन बड़े ट्रक और बसों को अभी संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। कौड़ियाला और व्यासी के बीच कुछ स्थानों पर सड़क संकरी है। ऐसे में अगर दोनों तरफ से बड़े वाहन आ गए तो उन्हें पास होने में परेशानी हो सकती है। बड़े वाहन वाया टिहरी से होकर ही गुजरेंगे।
बदरीनाथ हाईवे मार्च माह से ही तोताघाटी के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण बंद था। इसके चलते ऋषिकेश से आने वाले वाहन वाया टिहरी होते हुए देवप्रयाग, श्रीनगर, चमोली और पौड़ी जा रहे थे। बीती 17 अक्टूबर को एनएच ने तोताघाटी के पास सड़क खोल दी थी, लेकिन पहाड़ में फंसी चट्टानों को हटाने के लिए फिर से यातायात बंद कर दिया गया था।
एई के खिलाफ धरना जारी
चमोली। लोनिवि पोखरी में निर्माण कार्य के हो रहे सलेक्शन बॉन्ड की जांच के साथ ही सहायक अभियंता अतुल शांडिल्य के स्थानांतरण और दैवीय आपदा के कार्यों के भुगतान की मांग को लेकर पोखरी ठेकेदार यूनियन के ठेकेदारों का लोनिवि कार्यालय प्रांगण में क्रमिक अनशन छठे दिन भी जारी रहा। यूनियन के ठेकेदारों का कहना है लोक निर्माण विभाग पोखरी में सहायक अभियंता अतुल शान्डिल्य द्वारा निर्माण कार्यों की निविदाये अखबारों में लंबे समय से प्रकाशित नही करवायी जा रही है और अपने चहेते ठेकेदारों को सलेक्शन बॉन्ड बनाकर उन्हें काम दिया जा रहा है, जिससे अन्य ठेकेदारों को काम नही मिल रहा है।
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ये बिल्कुल गलत है और उनकी यूनियन इसकाघोर विरोध करती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी दैवीय आपदा के कार्यों के शेष 20 प्रतिशत धनराशि का भुगतान भी विभाग द्वारा ठेकेदारों को नहीं किया जा रहा हैं। लिहाजा यूनियन मांग करती है कि निर्माण कार्यों की निविदाएं अखबारों में प्रकाशित करवाकर सबको काम दिया जाए।
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