All Weather Road: चारधाम परियोजना में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की निरंतर अनदेखी
All Weather Road चारधाम राजमार्ग परियोजना में पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव के आकलन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष ने राजमार्ग मंत्रालय पर दोबारा नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
देहरादून, जेएनएन। चारधाम राजमार्ग परियोजना में पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव के आकलन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष ने राजमार्ग मंत्रालय पर दोबारा नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। कमेटी अध्यक्ष प्रो. रवि चोपड़ा और अन्य सदस्य हेमंत ध्यानी ने बयान जारी कर कहा कि जमीन अधिग्रहण के मामले में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नोटिफिकेशन में 10 मीटर चौड़ाई (डबल लेन पेव्ड शोल्डर के साथ) का जिक्र किया है।
गुरुवार को जारी बयान में अध्यक्ष चोपड़ा और सदस्य हेमंत ध्यानी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट है कि परियोजना में मंत्रालय के 2018 के सर्कुलर का पालन करना है। सर्कुलर के मुताबिक चारधाम राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई 5.50 से सात मीटर की जानी चाहिए। कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी मंत्रालय ने गुरुवार को जो नोटिफिकेशन प्रकाशित करवाया, उसमें जमीन अधिग्रहण 10 मीटर चौड़ाई के ही हिसाब से किया जा रहा है। ऐसे में कोर्ट की अगली सुनवाई में मंत्रालय को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया था कि जहां पूर्व में सड़क का कटान हो चुका है, वहां अतिरिक्त भाग पर पेड़ लगाए जाएं।
अतिक्रमण हटने के बाद बची जगह पर जारी करें एनओसी
दून में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान व व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सीलिंग की कार्रवाई को लेकर दून उद्योग व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने महापौर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात की। व्यापारियों ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई वर्ष 2005 से चल रही है। 2018 और अब 2020 में फिर व्यापारियों को इस अभियान से प्रभावित होना पड़ा। लिहाजा, इस समय अतिक्रमण हटाने के बाद जो जगह बची है, उस पर तत्काल एनओसी जारी की जाए और भूमि का सीमांकन पूरा किया जाए। ताकि भविष्य में दोबारा इस तरह की कार्रवाई की नौबत न आए।
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महापौर से मुलाकात में व्यापार मंडल अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि पलटन बाजार क्षेत्र के तमाम बाजार में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई और अब स्मार्ट सिटी के तहत फसाड नीति में सभी प्रतिष्ठानों का अग्र भाग एक समान रखने की योजना है। उन्होंने मांग की कि इस काम को सरकार अपने खर्च पर करे, जिससे अविलंब हेरिटेज मार्केट के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।