बदरीनाथ धाम के 70 पुरोहित फंसे अलग-अलग राज्यों में, सरकार से लगाई मदद की गुहार
बदरीनाथ धाम के 70 तीर्थ पुरोहित पिछले एक महीने से देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं। सरकार से इन तीर्थ पुरोहितों को सकुशल अपने घर लाए जाने की मांग की गई है।
नई टिहरी, जेएनएन। बदरीनाथ धाम के 70 तीर्थ पुरोहित पिछले एक महीने से देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं। तीर्थ पुरोहित समाज ने उत्तराखंड सरकार से इन तीर्थ पुरोहितों को सकुशल अपने घर लाए जाने की मांग की है। युवा पुरोहित संगठन ने तीर्थ पुरोहितों को उत्तराखंड लाने के लिए पौड़ी सांसद और देवप्रयाग विधायक को भी पत्र लिखा है।
श्री बद्रीश युवा पुरोहित संगठन के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने बताया कि बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित हर वर्ष देश के अलग-अलग राज्यों में जाते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण जो लोग फंस गए हैं उनको वापस लाने की जिम्मेदारी सरकार की है। कई राज्यों की सरकार फंसे लोगों की मदद कर रही है ऐसे में बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरुषों को भी संबंधित राज्यों की सरकारों से बात कर उत्तराखंड सरकार को अपने घर तक पहुंचाना चाहिए।
बदरी-केदार धाम के कपाट खुलने की तिथि में बदलाव
वहीं, बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथियों में बदलाव लिया गया है। बदरीनाथ धाम के कपाट अब 15 मई को सुबह साढ़े चार बजे खोले जाएंगे, जबकि गाडू घड़ा यात्रा की परंपरा का निर्वहन पांच मई को होगा। केदारनाथ के संबंध में तय किया गया है कि धार्मिक परंपरानुसार संबंधित धर्माचार्यों से विमर्श कर कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की जाएगी। इसके लिए मंगलवार को बैठक बुलाई गई है।
पूर्व निर्धारित मुहूर्त में ही खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट
गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट पूर्व निर्धारित तिथि यानी अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को ही खुलेंगे। बता दें कि 25 अप्रैल को मां गंगा की डोली मुखवा गांव से 12 बजे निकलेगी ओर भैरोंघाटी में रात्रि विश्राम के बाद 26 अप्रैल को 12.35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
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