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    Tehri: शादी व पर्व के सीजन आते ही टिहरी की प्रसिद्ध सिंगोरी की मिठाइयां की तैयारियां शुरू, इस तरह किया जाता है तैयार

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Tue, 17 Oct 2023 03:05 PM (IST)

    नई टिहरी। पर्व व शादी का सीजन को देखते हुए टिहरी की प्रसिद्ध सिंगोरी की मिठाइयां तैयार होने लगी है। पर्व व शारियों में अब इस मिठाई की डिमांड बढ़ रही है। वहीं बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी सिंगोरी खूब भा रही है दिल्ली तक यहां की सिंगोरी की मिठाई पहुंच रही है। टिहरी की सिंगोरी काफी प्रसिद्ध है।

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    Tehri: शादी व पर्व के सीजन आते ही टिहरी की प्रसिद्ध सिंगोरी की मिठाइयां की तैयारियां शुरू

    संवाद सहयोगी, नई टिहरी। पर्व व शादी के सीजन को देखते हुए टिहरी की प्रसिद्ध सिंगोरी की मिठाइयां तैयार होने लगी है। पर्व व शादियों में अब इस मिठाई की डिमांड बढ़ रही है। वहीं बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी सिंगोरी खूब भा रही है। दिल्ली तक यहां की सिंगोरी की मिठाई पहुंच रही है। टिहरी की सिंगोरी काफी प्रसिद्ध है। अन्य मिठाइयों के बजाए इस मिठाई को अलग तरह से तैयार किया जाता है इसके लिए काफी तैयारी करनी पड़ती है।

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    सिंगोरी की मिठाई की खासियत

    सिंगोरी की मिठाई की खासियत है कि इसे मालू के पत्तों पर लपेटकर तैयार किया जाता है। मालू की बेल भी केवल पहाड़ों में पाया जाता है। सबसे पहले मालू के पत्तों को निकालकर उन्हें साफ किया जाता है उसके बाद पत्ते को लपेटकर उनके अंदर सिंगोरी तैयारी की जाती है। मालू के पत्ते पर तैयार किए जाने वाली सिंगोरी काफी स्वादिष्ट होती है।

    पुरानी टिहरी में प्रसिद्ध है सिंगोरी

    सिंगोरी पुरानी टिहरी में प्रसिद्ध तो थी ही नई टिहरी शहर में भी इस मिठाई ने अपनी पहचान बरकरार रखी है। यही कारण है कि आजकल शादी व पर्व के मौके पर इस मिठाई की डिमांड बढ़ने लगी है और इसे खूब पसंद भी किया जा रहा है। यह सिंगोरी देहरादून से लेकर दिल्ली तक भी पहुंच रही है। दिल्ली व अन्य जगहों से शादियों के अवसर पर नई टिहरी पहुंच रहे मेहमान इस मिठाई को साथ लेकर जाते हैं।

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    प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह ने गीत में मिठाई का किया जिक्र

    मिठाई को तैयार करने वाले मदन सिंह चौहान का कहना है कि मालू के पत्ते से इस मिठाई का स्वाद बढ़ जाता है साथ ही इससे पर्यावरण भी संरक्षित रहता है क्योंकि मिठाई खाने के बाद इसके पत्तों को सड़ाकर इसकी खाद भी तैयार की जा सकती है। पुरानी टिहरी में मदन चौहान के पिताजी ने ही इस मिठाई की शुरुआत की थी। प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीत में इस मिठाई की खासियत के बारे में जिक्र किया गया।

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