Uttarakhand Rains: रुद्रप्रयाग में उफान पर मंदाकिनी-अलकनंदा नदी, 15 फीट की भगवान शिव की मूर्ति डूबी
रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के बाद मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों में जल स्तर बढ़ गया है जिससे पुराने विकास भवन के पास स्थापित शिव मूर्ति जलमग्न हो गई है। नदी किनारे के घाट और रास्ते भी डूब गए हैं। प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। नारद शिला भी जलमग्न हो गई है और सुरक्षा उपायों की कमी है।
संवाद सहयोगी, जागरण रुद्रप्रयाग। गत शुक्रवार मध्य रात्रि को हुई मूसलाधार बारिश के बाद से जनपद में बहने वाली मंदाकिनी-अलकनंदा के नदियों के जल स्तर काफी वृद्धि हुई है। जिससे पुराने विकास भवन के नीचे अलकनंदा घाट पर स्थापित भगवान शिव की 15 फीट ऊंची मूर्ति भी जलमग्न हुई है।
साथ ही नदी किनारे सभी घाट एवं पैदल मार्ग जलमग्न हो गए हैं। वहीं बारिश के चलते जिला प्रशासन ने यात्रा मार्गो पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तैनात की है। ताकि आपदा के समय राहत बचाव त्वरित गति से हो सके।
लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा मंदाकिनी एवं अन्य सहायक नदियां उफान पर हैं। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी विकराल रूप धारण करके बह रही है। नदी किनारे के सभी स्नान घाट एवं पैदल रास्ते जलमग्न हो गए हैं। अलकनंदा नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है। पुराने विकास भवन के नीचे स्थापित 15 फीट ऊँची शिव मूर्ति भी जल मग्न हो गई है। वहीं मंदाकिनी नदी के जल स्तर भी काफी वृद्धि दर्ज की गई।
मंदाकिनी-अलकनंदा नदियों के वेग से संगम स्थल पर स्थित नारद शिला भी पूरी तरह डूब चुकी है। संगम स्थल पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई इंतजाम नहीं किए गए है। नदी में हाने के लिए दोनों ओर रेलिंग की कोई व्यवस्था तक नहीं है। जिससे यहां पर कोई हादसा हो सकता है। पुलिस की ओर से सभी लोगों को सावधानी बरतने को कहा गया है।
वहीं केदारनाथ यात्रा के प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तैनात भी की गई है जो मौके पर निगरानी और राहत कार्यों में सक्रिय हैं। इसके अलावा गौरीकुंड हाईवे व बद्रीनाथ हाईवे के स्लाइडिंग जोनों पर जेसीबी तैनात किए गए है। ताकि मलबा आने से समय से उसे साफ किया जा सके।
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