उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत को तीन महीने की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला
सीजेएम कोर्ट ने वन मंत्री हरक सिंह रावत को तीन साल की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कार्य में व्यवधान पैदा करने के मामले में उनको सजा सुनाई गई।
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। Cabinet Minister Dr. Harak Singh Rawat मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन, अधिकारियों से अभद्रता और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का दोषी करार दिया। अदालत ने मंत्री को तीन महीने की सजा सुनाई है, जबकि एक अन्य आरोपित को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी होने के दौरान रावत पर यह आरोप लगे थे। दूसरी तरफ, मंत्री रावत ने बताया कि वह इस मामले में सत्र न्यायालय में अपील करेंगे।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद वाहिद ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक मौजूदा सरकार में वन मंत्री हरक सिंह रावत वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में रुद्रप्रयाग सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी थी।
आरोप है कि तब सिद्धसौड़ में चुनावी रैली के दौरान उनकी भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ कहा सुनी हो गई थी। इस पर रिटर्निंग अधिकारी ने उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था।
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सीजेएम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री को दोषी करार देते हुए तीन महीने का कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। फैसला आने के वक्त कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अदालत में मौजूद थे। उन्होंने अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है। मामले में आरोपित वीर सिंह बुडेरा को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
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