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    Tungnath Temple: क्या मिट्टी में धस जायेगा दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का अस्तित्व?

    By Jagran NewsEdited By: Riya Pandey
    Updated: Thu, 18 May 2023 11:28 AM (IST)

    रुद्रप्रयाग रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। यह समुद्र तल से 3690 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक सर्वे में सामने आया है कि रुद्रप्रयाग का तुंगनाथ मंदिर 6-10 डिग्री झुका हुआ है।

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    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे में सामने आया है कि रुद्रप्रयाग का तुंगनाथ मंदिर 6-10 डिग्री झुका हुआ है।

    जागरण ऑनलाइन डेस्क, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। यह समुद्र तल से 3690 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। तुंगनाथ मंदिर भव्य एवं अद्भुत संरचना से बना है। यह रुद्रप्रयाग में स्थित पांच पंच केदार मंदिरों में भी सबसे ऊंचा है।

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    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक सर्वे में सामने आया है कि रुद्रप्रयाग का तुंगनाथ मंदिर 6-10 डिग्री झुका हुआ है। पत्थरों के हिलने-डुलने की जांच के लिए मुख्य मंदिर की बाहरी दीवार पर कांच के तराजू पहले से ही लगाए गए हैं।

    एएसआई एक मुद्दे के रूप में भूमि के धंसने से इंकार नहीं कर रहा है लेकिन वे इसे जोशीमठ में भूमि धंसने की घटना से भी नहीं जोड़ रहे हैं।

    एएसआई द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में यह पता चला है कि तुंगनाथ मंदिर 6-10 डिग्री की खतरनाक दर से झुक रहा है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और माना जाता है कि यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे ऊंचा मंदिर है।

    कुछ समय पहले, उत्तराखंड के जोशीमठ जिले में जनवरी में भूमि धंसने की बड़ी घटनाएं हुई थीं, जिससे कई परिवार प्रभावित हुए थे और उन्हें अपने घर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। एएसआई ने पहले ही मुख्य मंदिर की बाहरी दीवार पर शीशे के तराजू लगा दिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि पत्थर हिल रहे हैं या नहीं।

    परिसर के छोटे मंदिरों में भी झुकाव

    तुंगनाथ मंदिर में एक ही परिसर में कई मंदिर हैं। एएसआई ने अपने सर्वे में पाया है कि छोटे मंदिरों में भी झुकाव है, जो 10 डिग्री तक हो सकता है। छोटे मंदिरों में झुकाव इस बात की ओर इशारा करता है कि पूरे परिसर में कुछ गंभीर चल रहा है जिसका गहन अध्ययन करने की जरूरत है।