तृतीय केदार तुंगनाथ में 58 दिन में 88 हजार पहुंचे यात्री, पुराने सभी रिकार्ड टूटे; चन्द्रशिला में बड़ी संख्या में पहुंच रहे भक्त
ऊखीमठ से खबर है कि केदारनाथ के साथ तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस साल कपाट खुलने के बाद से 88 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल यात्रियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। मंदिर समिति का कहना है कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ सकती है।

संवाद सूत्र, ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)। केदारनाथ धाम के साथ ही तृतीय केदार में भी भक्त बड़ी संख्या में दर्शनों को पहुंच रहे हैं। इस वर्ष अब तक कपाट खुलने के बाद 88 हजार से अधिक भक्त दर्शन कर चुके हैं। यात्री भगवान के दर्शन के साथ ही सुंदर बुग्यालों के दर्शन भी कर रहे हैं।
तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में पिछले 58 दिन में 88064 तीर्थ यात्रियों ने भगवान के दर्शन किए। गत वर्ष की तुलना में अधिक यात्री दर्शनो को पहुंच रहे हैं। जबकि गत वर्ष इतने ही यात्री तीन महीने में पहुंचे थे।
तुंगनाथ धाम में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही होने से तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा हो रहा है। तेज बारिश के बीच भी यात्री बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। शिवरात्री के मौके पर भी बड़ी संख्या में शिवभक्त व काबड भोले बाबा के दर्शनों को यहां पहुंचते हैं।
इस वर्ष दो मई को तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले गए थे। मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि तुंगनाथ धाम में पहली बार मात्र 58 दिनों में तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 88 हजार के पार पहुंचा है तथा कपाट बन्द होने तक यह इस बार रिकार्ड बना सकता है।
तुंगनाथ धाम प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि इस वर्ष भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही तीर्थ यात्रियों की आवाजाही भारी संख्या में शुरू हो गयी थी, तथा अभी तक निरन्तर जारी है। उन्होंने बताया कि मानसून लौटने के बाद तुंगनाथ धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में हल्की गिरावट तो देखने को मिल रही है, मगर सावन मास शुरू होते ही तीर्थ यात्रियों की आवाजाही में भारी वृद्धि होने की सम्भावना बनी हुई है।
उन्होने बताया कि चोपता से सीधे चन्द्र शिला जाने वाले पर्यटकों व सैलानियों को मन्दिर समिति के रिकार्ड में दर्ज नही किया गया है, मन्दिर समिति के रिकॉर्ड में उन्हें तीर्थ यात्रियों को दर्ज किया गया है, जिन्होंने मन्दिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना व जलाभिषेक किया है।
दर्शनों को पहुंची लखनऊ की प्रतिभा ने बताया कि इन दिनों भुजगली से चन्द्र शिला का भूभाग हरियाली से आच्छादित होने के कारण भुजगली से चन्द्र शिला का भूभाग के प्राकृतिक सौंदर्य पर चार चांद लगे हुए है, इसलिए तुंगनाथ घाटी से लौटने का मन नहीं कर रहा है।
तुंगनाथ धाम व तुंगनाथ घाटी के शीर्ष पर विराजमान चन्द्र शिला की खूबसूरती से रुबरु होने के बाद ऊखीमठ लौटे इन्दौर निवासी दिशा पाठक ने बताया कि चन्द्र शिला के शिखर से प्रकृति के अनोखी धरोहर है। वह हमेशा मानस पटल पर अंकित रहेगा।
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