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    पहाड़ों के बीच मौजूद उत्तराखंड का ये मंदिर बना वेडिंग डेस्टिनेशन हब, चार साल में हुई 750 शादी

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 04:03 PM (IST)

    उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण गांव, भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में, तेज़ी से वेडिंग डेस्टिनेशन हब बन रहा है। इ ...और पढ़ें

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    भगवान शिव व माता पार्वती की प्रणय स्थली में इस साल अब तक 300 युवा जोड़े ले चुके हैं सात फेरे। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग । भगवान शिव और माता पार्वती की परिणय स्थली माना जाने वाला रुद्रप्रयाग जिले का त्रियुगीनारायण गांव तेजी से वेडिंग डेस्टिनेशन हब के रूप में उभरा है। यहां स्थित पौराणिक त्रियुगीनारायण मंदिर में इस साल अब तक देशभर के 300 युवा जोड़े विवाह बंधन में बंध चुके हैं। इससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी को भी मजबूती मिली है।

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    त्रियुगीनारायण में हो रही शादियों से क्षेत्र के होटल व होम स्टे कारोबार में तो उछाल आया ही है, पुजारी समुदाय, परिवहन व बैंड कारोबारियों और पुष्प व्यवसायियों के भी चेहरे खिले हुए हैं। त्रियुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन हब के रूप में बढ़ावा देने की मुहिम तब और मजबूत हुई, जब थराली (चमोली) के खंड विकास अधिकारी नितिन धानिया यहां परिणय सूत्र में बंधे। प्रशासनिक स्तर से हुई इस अनूठी पहल का क्षेत्र में सकारात्मक संदेश गया और बड़ी संख्या में युवा जोड़े यहां फेरे लेने के लिए पहुंचने लगे।

    2022 में शुरू हुई पंजीकरण व्यवस्था

    त्रियुगीनारायण पुरोहित समिति के अध्यक्ष सच्चिदानंद पंचपुरी ने बताया कि वर्ष 2022 में यहां विवाह पंजीकरण व्यवस्था शुरू की गई थी। इसके बाद से लगातार विवाहों की संख्या बढ़ने लगी और बीते चार वर्षों में यहां 750 जोड़े परिणय सूत्र में बंध चुके हैं।

    में वर्षवार हुए विवाह

    • वर्ष, कुल विवाह
    • 2022, 50
    • 2023, 200
    • 2024, 200
    • 2025, 300 (अब तक)

    त्रियुगीनारायण की लगातार बढ़ती लोकप्रियता, प्रशासनिक प्रयास और पर्यटन सुविधाओं के विस्तार से त्रियुगीनारायण को उत्तराखंड के प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिली है। आने वाले समय में यहां बेहतर बुनियादी ढांचे और व्यवस्थित पर्यटन व्यवस्था से क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को और अधिक गति मिलने की उम्मीद है।

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