Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Panch Kedar: आज शीतकाल के लिए बंद होंगे मध्यमेश्वर धाम के कपाट, बीकेटीसी ने तैयारियां कर ली पूरी

    By Brijesh bhattEdited By: riya.pandey
    Updated: Tue, 21 Nov 2023 04:34 PM (IST)

    Uttarakhand Panch Kedar विजयदशमी पर्व के अवसर पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में कपाट बंद होने की तिथि तय हुई थी। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट 22 नवम्बर को शुभ लगनानुसार ठीक 8.30 बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिए जाएंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी।

    Hero Image
    आज शीतकाल के लिए बंद होंगे मध्यमेश्वर धाम के कपाट

    संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। Uttarakhand Panch Kedar: पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक रीति रिवाजों के साथ बंद कर दिए जाएंगे। बद्री-केदार मंदिर समिति ने कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। मंदिर को लगभग चार क्विंटल फूलों से सजाया गया है। अब शीतकाल के छह माह तक ओंकारेश्वर मंदिर में नित्य पूजाएं संपन्न की जाएंगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विजयदशमी पर्व के अवसर पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में कपाट बंद होने की तिथि तय हुई थी। द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट 22 नवम्बर को शुभ लगनानुसार ठीक 8.30 बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिए जाएंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी।

    23 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से प्रस्थान होकर रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचेगी। 24 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी।

    बीकेटीसी ने तैयारियां की पूरी

    25 नवम्बर को गिरिया से रवाना होकर अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी। जिसके बाद शीतकाल के छह माह तक भगवान मदमहेश्वर की पूजा अर्चना यहीं पर संपन्न की जाएगी। बद्री-केदार मन्दिर समिति ने कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। मंदिर को लगभग 8 कुन्तल फूलों से सजाया गया है।

    मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मंदिर को गेंदे समेत विभिन्न फूलों से सजाया गया है। बुधवार को शुभ लग्नानुसार मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

    मदमहेश्वर मेला मनसूना में सभी तैयारियां हुई पूरी

    भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली मनसूना आगमन पर 22 नवम्बर से शुरू होने वाला तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले को लेकर मेला समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। मेले में जहां स्थानीय छात्र छात्राएं, महिला मंगल दल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुिति देंगे, वहीं उत्तराखंड के लोक गायक विक्रम कप्रवान, अजय नौटियाल समेत कई गायक भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

    जिपंस कालीमठ विनोद राणा ने बताया कि तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले को लेकर मनसूना में पांडाल लगने के साथ ही सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मनसूना में 22 नवम्बर से शुरू होने वाला मेला 24 नवम्बर तक चलेगा। उन्होंने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय जनता से मेले को सफल बनाने का आह्वान किया है। ताकि मेले को भव्य रूप से संपन्न किया जाए सके।

    यह भी पढ़ें - Uttarakhand Panch Kedar: द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट खुले, छह माह तक भक्तों को यहीं दर्शन देंगे भगवान