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    रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में पकड़ा गया गुलदार, खौफ में जी रहे ग्रामीणों को मिली राहत

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 02:49 PM (IST)

    उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि में एक गुलदार को पकड़ा गया है। गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, जो कई दिनों से दह ...और पढ़ें

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     कार्रवाई के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। जागरण

    जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग । जोंडला के समीप वन विभाग की टीम ने दिनांक 13 दिसंबर 2025 की रात्रि लगभग 10 बजे एक गुलदार (तेंदुआ) का सफलतापूर्वक रेस्क्यू एवं ट्रैपिंग कर क्षेत्रवासियों को लंबे समय से बनी दहशत से राहत दिलाई है। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

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    गौरतलब है कि लगभग एक माह पूर्व जोंडला (पाला मल्लि ग्राम) क्षेत्र में घटित एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में गुलदार की संलिप्तता की सूचना प्राप्त हुई थी। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग द्वारा क्षेत्र में निरंतर गश्त, सतत निगरानी एवं तकनीकी उपकरणों के माध्यम से गुलदार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी।

    वन विभाग की टीम ने सभी निर्धारित मानक कार्यविधियों एवं वन्यजीव प्रबंधन प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए रणनीतिक रूप से पिंजरा स्थापित किया। लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप 13 दिसंबर की रात्रि गुलदार को सुरक्षित तरीके से ट्रैप कर रेस्क्यू कर लिया गया।

    रेस्क्यू अभियान के दौरान किसी प्रकार की जनहानि अथवा संपत्ति क्षति नहीं हुई। पकड़े गए गुलदार को आवश्यक परीक्षण एवं नियमानुसार आगे की कार्रवाई हेतु सुरक्षित रूप से वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है, जहां विशेषज्ञों द्वारा अग्रिम प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

    वन विभाग ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे वन्यजीवों से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना तत्काल विभाग को दें तथा अफवाहों से बचें। विभाग ने यह भी आश्वस्त किया है कि क्षेत्र में आगे भी निरंतर निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी जाएगी, जिससे मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को प्रभावी रूप से रोका जा सके।

    इस सफल रेस्क्यू अभियान में रेंजर एचएस रावत, योगेंद्र पुरोहित, वन रक्षक भूपेंद्र सिंह राणा, बीट अधिकारी जयवीर लाल एवं वन दरोगा सहित पूरी टीम की सक्रिय, सतर्क एवं समन्वित भूमिका सराहनीय रही।