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    Kedarnath Dham में कुछ ऐसा हुआ कि करानी पड़ी हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, बाल-बाल बचे तीर्थयात्री

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Tue, 03 Oct 2023 08:39 AM (IST)

    Kedarnath Dham पिछले कुछ वर्षों में केदारनाथ धाम में कोहरे के कारण एक दर्जन से अधिक हेली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। गत वर्ष ऐसी ही एक दुर्घटना में सात लो ...और पढ़ें

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    Kedarnath Dham में कुछ ऐसा हुआ कि करानी पड़ी हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग

    संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से बच गया। हेलीकॉप्टर धाम से पांच तीर्थ यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी लौट रहा था, तभी घाटी में कोहरा छा गया। ऐसे में पायलट ने गरुड़चट्टी में पुराने पैदल मार्ग पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई। हेलीकॉप्टर के सुरक्षित लैंड हो जाने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।

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    पिछले कुछ वर्षों में धाम में कोहरे के कारण एक दर्जन से अधिक हेली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। गत वर्ष ऐसी ही एक दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि सोमवार को धाम में मौसम साफ था। ट्रांस भारत कंपनी का हेलीकॉप्टर जब यात्रियों को लेकर धाम पहुंचा, तब भी चटख धूप खिली हुई थी।

    कोहरे की वजह से हुई दिक्कत

    दोपहर करीब एक बजे हेलीकॉप्टर ने धाम से गुप्तकाशी के लिए वापस उड़ान भरी। उस समय भी मौसम सामान्य था। लेकिन, कुछ पल बाद ही चारों तरफ घना कोहरा छा गया। हेलीकॉप्टर में पांच तीर्थ यात्रियों के साथ दो पायलट थे। दृश्यता कम होने से सभी की सांसें अटक गईं। ऐसे में पायलट ने धाम से करीब डेढ़ किमी आगे गरुड़चट्टी में पुराने पैदल मार्ग पर सुरक्षित स्थान देखकर हेलीकॉप्टर लैंड कराया।

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    करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

    पायलट ने बताया कि समुद्रतल से 11,657 फीट ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मौसम पल-पल बदलता रहता है और अक्सर घना कोहरा छाने से दृश्यता शून्य हो जाती है। इससे हेली उड़ानों में भी दिक्कत आती है। कई बार हेलीकॉप्टर को दिशा बदलनी पड़ती है या इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ती है। बताया कि सभी तीर्थयात्री और पायलट सुरक्षित हैं। हेलीकॉप्टर लैंड होने के बाद तीर्थयात्री धाम वापस आ गए, जबकि हेलीकॉप्टर को देर शाम मौसम साफ होने पर गुप्तकाशी रवाना कर दिया गया।

    आपदा में ध्वस्त हो गया था पुराना पैदल मार्ग

    वर्ष 2013 में आई आपदा से पहले केदारनाथ धाम की यात्रा पुराने पैदल मार्ग से ही होती थी। आपदा में यह मार्ग कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया। इसके बाद गौरीकुंड से रामबाड़ा और केदारनाथ मंदिर से गरुड़चट्टी तक मार्ग को दुरुस्त कर लिया। लेकिन, रामबाड़ा से गरुड़चट्टी के बीच का चार किमी हिस्सा अभी नहीं बन पाया है। इस कारण फिलहाल यह मार्ग खाली ही रहता है।