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    Uttarakhand News: छेनागाड में मलबा को हटाने का कार्य तेज, जल्द बहाल होगी यातायात सेवा

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 11:07 PM (IST)

    रुद्रप्रयाग के छेनागाड में 28 अगस्त को आई आपदा के बाद बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ एसडीआरएफ और अन्य टीमें लापता लोगों की तलाश कर रही हैं और मलबे को हटा रही हैं। जेसीबी मशीनों की मदद से सड़क मार्ग को ठीक किया जा रहा है ताकि राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं।

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    छेनागाड में मलबा एवं बोल्डरों को हटाने का कार्य जारी। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्र छेनागाड में रेस्क्यू टीमों के साथ ही जेसीबी मशीन से रविवार को भी मलबा एवं बोल्डरों को हटाने का कार्य जारी रहा। वहीं मुख्य स्लाइड जोनों में सड़क मार्ग को जेसीबी/पोकलैंड से ठीक किया जा रहा है।

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    28 अगस्त को छेनागाड में आई दैवीय आपदा से कई दुकानों के साथ ही नौ लोग लापता हो गए थे। जिसके बाद शासन-प्रशासन की टीमों ने क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया था।

    एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन दलों की ओर से लगातार सर्च एवं रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। गत शनिवार से छेनागाड क्षेत्र में जेसीबी मशीन को सर्च अभियान में लगाया गया है।

    मलबे के बीच दबे हुए हिस्सों की छानबीन की जा रही है। बड़े-बड़े बोल्डरों एवं चट्टानों को हटाने का कार्य जारी है। आपदा के 10 दिन बाद कुछ दुकानों में से खुदाई कर सामाग्री प्राप्त हुई है।

    वहीं, प्रभावित क्षेत्र तक सड़क मार्ग को सुचारु करने के लिए जेसीबी व पोकलैंड मशीनें लगातार कार्यरत हैं। विशेषकर मुख्य स्लाइड जोन में जहां सड़क मार्ग ध्वस्त हो चुका है। वहां जेसीबी एवं पोकलैंड मशीनों से निरंतर कार्य किया जा रहा है।

    सड़क मार्ग खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है ताकि अन्य मशीनरी प्रभावित क्षेत्रों तक शीघ्र पहुंच सकें और बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

    जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि छेनागाड क्षेत्र में खोज, बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। प्राथमिकता सर्च एवं रेस्क्यू आपरेशन को गति देना है।

    साथ ही सड़क मार्गों को शीघ्र सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि आवश्यक मशीनरी, राहत सामग्री एवं रेस्क्यू टीमें तुरंत प्रभावित गांवों तक पहुंच सके। गुमशुदा लोगों का शीघ्र पता लगाया जाएगा तथा प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।