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फर्जी प्रमाण पत्र पर पांच साल से नौकरी कर रहा था शिक्षक, जांच में आरोप सही निकलने पर गिरफ्तार

फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर अशासकीय विद्यालय में पिछले पांच वर्ष से नौकरी कर रहे एक शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध एसआइटी जांच के दौरान इस शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने का मामला सामने आया था।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 01:17 PM (IST)
फर्जी प्रमाण पत्र पर पांच साल से नौकरी कर रहा था शिक्षक, जांच में आरोप सही निकलने पर गिरफ्तार
फर्जी प्रमाण पत्र पर पांच साल से नौकरी कर रहा था शिक्षक।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर अशासकीय विद्यालय में पिछले पांच वर्ष से नौकरी कर रहे एक शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध एसआइटी जांच के दौरान इस शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने का मामला सामने आया था। जांच के बाद आरोप सही पाए गए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

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फर्जी डिग्री से नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ एसआइटी की ओर से पूरे प्रदेश में जांच की जा रही है। इसी के तहत गत वर्ष जिले में प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूल में नौकरी करने वाले 9 शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे। इन सभी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। इसी कार्रवाई के तहत जिले के एक अशासकीय विद्यालय जनता जूनियर हाईस्कूल में फर्जी डिग्री लेकर पांच वर्ष से नौकरी कर रहे शिक्षक रघुवीर सिंह निवासी जखन्याल गांव को विभाग व प्रबंधन समिति स्तर पर कार्रवाई पूरी होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 

इस प्रकरण की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर दिनेश सती ने बताया कि बीते 17 मार्च को विद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से फर्जी शिक्षक के विरुद्ध कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचना पूरी होने के बाद बीते शनिवार को गिरफ्तार किया गया। न्यायालय में पेश करने के बाद पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया। उप निरीक्षक सती ने बताया कि एसआइटी जांच में शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई थी, जिसके बाद विभाग को सूचना दी गई थी। 

इधर, डीईओ माध्यमिक/बेसिक लक्ष्मण सिंह दानू ने बताया कि अन्य माध्यमिक स्कूल के प्रधानाचार्य को नियंत्रक तैनात कर विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से फर्जी शिक्षक के विरुद्ध विभागीय स्तर पर कार्रवाई पूरी की गई। बताया कि बीते वर्ष जिले में 9 शिक्षक फर्जी पाए गए थे, जिन्हें विभागीय कार्रवाई के बाद निलंबित किया जा चुका है। 

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