पांडव लीला में दर्शक ले रहे हैं नृत्य का लुत्फ
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पुनाड़ पांडव चौक में चल रही पांडव लीला में पांडवों ने देर शाम तक अस्त्र-शस

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पुनाड़ पांडव चौक में चल रही पांडव लीला में पांडवों ने देर शाम तक अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्यकर दर्शकों को आनंदित किया। रविवार को सैकड़ों भक्तों ने पांडव चौक पहुंचकर पांडवों का आशीर्वाद लिया। वहीं जवाड़ी भरदार में भी पांडवों के आशीर्वाद के लिए प्रवासी व धियाणियां पहुंच रही है।
पांडव लीला एवं शिव समिति पुनाड़ के तत्वाधान में गत छह दिसम्बर से पांडव नृत्य का आगाज शुरू हुआ था। रविवार को भी पांडवों ने नृत्य स्थल एवं देवताओं के आह्वान के साथ नृत्य शुरू किया। पांडवों ने अपने अस्त्र शस्त्रों के साथ ही नृत्य कर दर्शकों को खूब आनंदित किया। रविवार का अवकाश होने से पांडव लीला देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी हुई थी। गंगा स्थान के साथ 18 दिसम्बर को सिरोता एवं 19 दिसम्बर को पांडव लीला का समापन किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष प्रकाश भारती, विजय कप्रवान, महेश चन्द्र डिंयूडी, दिनेश चन्द्र सेमवाल, विक्रम कप्रवान, शैलेंद्र भारती, हरीश गिरी समेत कई लोग उपस्थित थे।
वहीं भरदार क्षेत्र के जवाड़ी में भी गत 21 नवम्बर से पांडवों नृत्य का आगाज शुरू हुआ था। प्रतिदिन रात्रि को चल रहे पांडव नृत्य में देवी देवताओं का आह्वान किया जा रहा है। प्रतिदिन पांडव नृत्य स्थल के साथ ही विनसर समेत कई देवताओं की पूजाएं की जा रही है। जिसके बाद देर रात्रि तक पांडव अस्त्र शस्त्रों के साथ नृत्य कर रहे हैं। पांडव लीला समिति के अध्यक्ष प्रकाश कप्रवाण एवं सुरेन्द्र कप्रवान ने बताया कि 16 दिसम्बर को पांडव गंगा स्नान करेंगे। जिसके बाद 18 दिसम्बर को सिरोता एवं 19 दिसम्बर को पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक धियाणियों एवं प्रवासी ग्रामीणों से पांडव नृत्य में पहुंचकर पांडवों का आशीर्वाद लेने की अपील की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।