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    देवभूमि के पहाड़ों पर अनोखा सिद्धपीठ, यहां दो रूप में दर्शन देती हैं देवी मां; 400 साल पुराना इतिहास

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 06:52 PM (IST)

    उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मठियाणा मां का मंदिर 300 से अधिक गांवों की कुलदेवी है। माना जाता है कि गढ़वाल के राजा ने 400 साल पहले इसकी स्थापना की थी। यहाँ देवी दो रूपों में दर्शन देती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे से यहाँ पहुंचा जा सकता है। मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्र में विशेष पूजा होती है।

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    मान्यता के अनुसार इस मंदिर की स्थापना चार सौ वर्ष पूर्व की है। Jagran

    जासं, रुद्रप्रयाग। उत्‍तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में जखोली ब्लाक के तहत भरदार क्षेत्र की ऊंची पहाड़ी पर स्थित सिद्धपीठ मठियाणा मां का मंदिर है। यह तीन सौ से अधिक गांवों की कुलदेवी हैं। मां के दर्शनों को दूर-दराज के क्षेत्रों के साथ ही आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। मान्यता के अनुसार इस मंदिर की स्थापना चार सौ वर्ष पूर्व की है।

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    गढ़वाल के राजा ने इस मंदिर की स्थापना की थी। यहां पर देवी दो रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं। एक बैणषण रूप में और दूसरी भद्रकाली काली के रूप में। जो भी भक्त इस शक्तिपीठ में आता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है यह मान्यता है। इस स्थान पर मठियाणा माई को भगवान शिव शंकर के साक्षात दर्शन दिए थे।

    ऐसे पहुंचें मंदिर

    • ऋषिकेश से बदरीनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग तक 130 किमी का सफर।
    • रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड हाईवे पर तिलवाड़ा तक नौ किमी।
    • तिलवाड़ा सौराखाल मोटर मार्ग पर 32 किमी मैठाणागड़, यहां से दो किमी पैदल मार्ग।

    मंदिर का महात्म्य

    मठियाणा मां का मंदिर सिद्धपीठों में शामिल है। मां के दर्शन कर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। चैत्र व शारदीय नवरात्र में यहां विशेष पूजा होती है। कालरात्रि को पूरी रात जागरण होता है। यहां पर 80 के दशक में बली प्रथा का प्रचलन था, लेकिन अब नहीं है। भक्त श्रीफल लेकर माता के दरबार में आते हैं।

    कपाट खुलने का समय

    पूरे वर्ष श्रृद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। नवरात्र पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है। जखोली क्षेत्र के तीन सौ गांवों की कुल देवी हैं। यहां दूर-दराज क्षेत्रों से दर्शनों को बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

    देवी के दर्शनों को दूर-दूर क्षेत्रों से भक्तजन आते हैं। यह देवी तीन सौ से अधिक गांवों की कुल देवी है। नवरात्र में भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। जो भी श्रद्धालु देवी के सच्चे मन से दर्शन करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है। - विक्रम सिंह कठैत, मठापति, मठियाणाखाल मंदिर

    मठियाणा देवी के दर्शनों से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। नवरात्र में विशेषरूप से भक्त दर्शनों को आते हैं। बाहरी क्षेत्रों में बसे प्रवासी भी देवी के दर्शनों को पहुंचते हैं। मंदिर के आस-पास सुंदरीकरण का कार्य किया गया है। भक्तों को पानी व जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। यहां धर्मशाला का भी निर्माण हो रहा है। -भारत भूषण भट्ट, जिला पंचायत सदस्य