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कहां हुआ था भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह? प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में फेमस है यह स्थान

Lord Shiva And Maa Parvati Marriage पुराणों के मुताबिक मां पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के लिए कड़ी तपस्या की थी। जिससे भोलेनाथ प्रसन्न हो गए। वह विवाह के लिए राजी हो गए। उनका विवाह उत्‍तराखंड के एक गांव में हुआ था।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2022 04:12 PM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2022 04:12 PM (IST)
कहां हुआ था भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह? प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में फेमस है यह स्थान
भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के त्रियुगीनारायण गांव में हुआ था।

संवाद सूत्र, फाटा (रुद्रप्रयाग): आप भगवान भोले शंकर (Lord Shiva) और मां पार्वती के विवाह के बारे में तो जानते ही होंगे, लेकिन क्‍या आपको पता है कि उनका विवाह (Lord Shiva and Parvati Marriage) कहां हुआ था। यह स्थान प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी प्रसिद्ध है। आइए हाम आज आपको इस बारे में बताते हैं।

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पुराणों के मुताबिक भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के त्रियुगीनारायण गांव (Triyuginarayan Village) में गंगा और मंदाकिनी सोन के संगम पर संपन्न हुआ था।

अखंड अग्नि के सामने लेते हैं फेरे

मान्यता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में सदियों से अखंड अग्नि जलती आ रही है। भगवान शंकर और माता पार्वती ने विवाह के पश्चात अखंड अग्नि में भगवान नारायण को साक्षी मानकर फेरे लिए थे। तभी से यहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त भगवान नारायण एवं अखंड अग्नि के दर्शनों को पहुंचते हैं। यहां वर्षभर मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुले रहते हैं तथा भगवान नारायण की पूजा नियमित की जाती है।

सोनप्रयाग से 11 किलोमीटर की दूरी पर है यह मंदिर

शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर केदारनाथ धाम यात्रा पड़ाव सोनप्रयाग से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं। साथ ही भगवान नारायण से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी करते हैं।

एक लाख से अधिक भक्तों ने किया दर्शन

शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में अब तक एक लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान नारायण के दर्शन किए। साथ ही अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य भी अर्जित किया। इस वर्ष यात्राकाल में एक लाख 41 हजार 449 यात्रियों ने भगवान नारायण के दर्शन किए।

वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रचलित ये स्‍थल

यह स्थान प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रचलित है। यहां प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में युवक-युवतियां शादी के लिए पहुंचते हैं। बीते साल 14 नवंबर को छोटे पर्दे की अभिनेत्री निकिता शर्मा और बिजनेसमैन रोहनदीप सिंह ने इस त्रियुगीनारायण मंदिर में सात फेरे लिए थे। यात्रियों की संख्या बढ़ने से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं स्थानीय निवासियों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है।

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बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि त्रियुगीनारायण मंदिर में अब तक एक लाख 41 हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन किए हैं और अभी भी यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।

वहीं ग्राम प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी ने बताया कि इस वर्ष अधिक संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचने से व्यवसायियों को खासा फायदा हुआ है। उन्होंने शासन-प्रशासन से सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण सड़क के अतिशीघ्र चौड़ीकरण की मांग की, जिससे और अधिक संख्या में यात्री यहां दर्शनों को पहुंच सकें।

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