Kedarnath: तीन दिन तक बर्फबारी के बाद केदारनाथ में सुहावना मौसम, पांच से छह इंच तक जमी बर्फ
केदारनाथ में इस बार अक्टूबर में ही तापमान शून्य से नीचे चला गया है, जो कई सालों बाद हुआ है। आमतौर पर अक्टूबर में इतनी ठंड नहीं होती, लेकिन इस बार बर्फबारी ने मौसम को दिसंबर जैसा बना दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और बढ़ने की संभावना है।

मंदिर परिसर में उमड़ी यात्रियों की भीड़। साभार - सतीश गैरोला
संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग। पवित्र केदारनाथ धाम में इस बार मौसम ने अक्टूबर की शुरुआत में ही करवट ले ली है, पिछले तीन दिनों से जारी बर्फबारी और बारिश के बाद धाम में पांच से छह इंच तक बर्फ जम गई है, जिससे समूची केदार घाटी में ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है। बुधवार को मौसम साफ होने के साथ ही धाम का नजारा अत्यंत मनमोहक रहा। बर्फ की सफेद चादर में लिपटा धाम श्रद्धालुओं को दिव्यता का अनुभव करा रहा है।
तीन दिनों तक हुई बर्फबारी से केदारनाथ धाम व हेलीपैड पर बर्फ जम गई है, जिसे आज मौसम ठीक होने पर मशीनों की मदद से हटाया गया, जिसके बाद हेली सेवाएं सुचारू रूप से संचालित होती रहीं। आमतौर पर केदारनाथ में बर्फबारी कपाट बंद होने के बाद होती है, जबकि सितंबर व अक्टूबर में होने वाली हल्की बर्फबारी जमीन पर नहीं टिकती, लेकिन इस बार अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में ही बर्फ ने स्थायी रूप से धरती को ढक लिया है।
इस वर्ष अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई बर्फबारी ने 80 के दशक की यादें ताजा कर दी हैं। उस समय भी इसी अवधि में बर्फ जम जाया करती थी। कहा कि बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम और निकटवर्ती क्षेत्रों में तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है।
श्रीनिवास पोस्ती, स्थानीय तीर्थ पुरोहित
केदारनाथ में इस बार तापमान अक्टूबर में ही शून्य से नीचे चला गया है, जो कई वर्षों बाद देखने को मिला है। अक्टूबर में इतनी ठंड सामान्यत: नहीं होती, लेकिन इस बार की बर्फबारी ने मौसम को दिसंबर जैसी सर्दी में बदल दिया है। पिछले 10 वर्षों में केवल 2017 और 2019 में अक्टूबर महीने में अच्छी बर्फबारी दर्ज की गई थी। अन्य वर्षों में केदारनाथ में बर्फबारी दिसंबर में ही देखने को मिली थी। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और बढ़ने की संभावना है।
राजकुमार तिवारी, अध्यक्ष केदार सभा
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