Updated: Mon, 16 Jun 2025 08:58 AM (IST)
केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाएं सुगम होने के बावजूद मौसम चुनौतीपूर्ण है। पल-पल बदलते मौसम और विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि खराब मौसम में दृश्यता कम होने से हेलीकॉप्टर पहाड़ियों से टकरा जाते हैं। पूर्व में हुई दुर्घटनाओं में भी मौसम मुख्य कारण रहा है इसलिए उड़ानों में अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा को हेली सेवाएं भले ही सुगम बनाती हैं लेकिन यहां का मौसम हमेशा चुनौती पेश करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि केदारघाटी का मौसम पल-पल बदलता है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियां भी विषम हैं। ऐसे में हेलीकाप्टर से यात्रा भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पायलट मौसम के अचानक बदलते रुख के बावजूद साढ़े ग्यारह हजार फीट ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं। हेली सेवाओं से जुड़े विशेषज्ञ केदारघाटी में उड़ानों के दौरान अधिक सतर्कता बरतने पर जोर देते रहे हैं। केदारनाथ धाम में अब तक हुई बड़ी दुर्घटनाओं में मौसम में आए अचानक बदलाव के बाद हेलीकाप्टर का पहाड़ी से टकराना मुख्य कारण रहा है।
20 वर्षों से अधिक समय से केदारनाथ धाम में हेली सेवाओं से जुड़े पायलट कैप्टन पीके छावड़ी कहते हैं कि केदारनाथ का मौसम जिस तेजी के साथ बदलता है उससे पायलट का निपटना काफी मुश्किल हो जाता है। दृश्यता शून्य हो जाती है। आसपास पहाड़ियां दुर्घटना का कारण बनती हैं।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ के लिए उड़ानों में ओर सतर्कता बरते जाने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। केदारनाथ धाम में हेली कंपनियों के साथ प्रबंधक के रूप में 15 वर्षो का अनुभव रखने वाले बृजमोहन बिष्ट ने कहा कि केदारनाथ धाम में हादसे की प्रमुख वजह मौसम का प्रतिकूल होना है।
हेली दुर्घटनाओं के पीछे कारणों को सामने लाए जाने की जरूरत है। तभी भी प्रतिकूल मौसम में हादसा -वर्ष 2013 केदारनाथ आपदा के बाद रेस्क्यू में लगी सेना का हेलीकाप्टर एमआई-17 भी इसी कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। तब भी गौरीकुंड के ऊपर अचानक मौसम प्रतिकूल होने के बाद पायलट रास्ता भटक गया था और हेलीकाप्टर पहाड़ी से टकरा गया था।
इसमें सवार सभी 20 सैनिकों की मौत हो गई थी। -18 अक्टूबर 2022 को भी केदारनाथ के पास आर्यन एविएशन का हेलीकाप्टर मौसम प्रतिकूल होने के कारण पहाड़ी से टकराकर गिर गया था। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी।
हादसों के प्रमुख कारण
केदारनाथ में जब अचानक मौसम खराब होता है तो दृश्यता शून्य हो जाती है। इसमें पायलट को आगे कुछ भी नहीं दिखाई देता। भोगौलिक परिस्थतियां इतनी विषम हैं कि पायलट के जरा भी रास्ता भटकने से हेलीकाप्टर पहाड़ी पर टकरा जाता है। संकरी पहाड़ियां मौसम प्रतिकूल होने के बाद काफी खतरनाक बन जाती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।