मुख्यमंत्री हरीश रावत को हरक के 'साये' से भी परहेज
रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग व केदारनाथ दो विस सीट हैं। इनमें केदारनाथ विस सीट से सीएम रावत का मोह जगजाहिर है, पर रुद्रप्रयाग सीट के प्रति अनदेखी का भाव किसी से छिपा नहीं है।
रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: प्रदेश सरकार में तेज-तर्रार काबीना मंत्री रहे हरक सिंह रावत भले ही कांग्रेस को अलविदा कह चुके हों, लेकिन मुख्यमंत्री हरीश रावत अब भी उनके निर्वाचन क्षेत्र (रुद्रप्रयाग) में जाने से परहेज करते हैं। अपने ढाई साल के मुख्यमंत्रित्व काल में सीएम सिर्फ तीन बार रुद्रप्रयाग विस क्षेत्र में पहुंचे। जबकि, इसके ठीक बगल में स्थित केदारनाथ विस क्षेत्र में वे इस दौरान न केवल 34 दौरे कर चुके हैं, बल्कि इस सीट से उनके विस चुनाव लड़ने की भी चर्चा है।
रुद्रप्रयाग जिले में रुद्रप्रयाग व केदारनाथ दो विस सीट हैं। इनमें केदारनाथ विस सीट से सीएम रावत का मोह जगजाहिर है, लेकिन इस मोह में रुद्रप्रयाग सीट के प्रति अनदेखी का भाव भी किसी से छिपा नहीं है। इसे लेकर अब तो लोग सवाल भी खड़े करने लगे हैं। विदित हो कि रुद्रप्रयाग सीट से हरक सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विस पहुंचे थे। लेकिन, फरवरी 2014 में हरीश रावत के सीएम बनने के बाद दोनों के बीच कड़वाहट घुलने लगी।
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हरक सिंह ने तो तब कई दफा सार्वजनिक मंचों से यह तक कहा कि उनके होते हुए सीएम का क्षेत्र में आना जरूरी नहीं है। वे जो भी घोषणा करते हैं, उसका शासनादेश भी जारी होता है। वहीं, सीएम स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निवेदन करने पर भी कभी क्षेत्र में नहीं पहुंचे। बल्कि, उनका तो अटपटा सा जवाब रहा कि हरक सिंह के क्षेत्र में आने के लिए पहले उनकी अनुमति जरूरी है।
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खैर! यहां तक तो ठीक था, लेकिन मार्च 2016 में हरक सिंह के बागी होकर भाजपा में शामिल होने के दस महीने बाद तक भी सीएम ने रुद्रप्रयाग विस सीट का रुख नहीं किया। चर्चा तो यह भी है कि रुद्रप्रयाग के गुलाबराय मैदान में कांग्रेस का कार्यक्रम बार-बार इसलिए टल जाता रहा कि स्थानीय कांग्रेसियों की मान-मनुहार के बाद भी सीएम उसमें शामिल होने को तैयार नहीं हुए। इसके विपरीत बीते दो माह में वह केदारनाथ विस क्षेत्र में छह बार आ चुके हैं।
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सीएम को न्योता भेजा, लेकिन वे नहीं आए
जखोली की ब्लाक प्रमुख राजकुमारी रावत ने कहा कि सीएम हरीश रावत को जखोली औद्योगिक विकास मेला में आने का न्योता भेजा था, लेकिन वे नहीं आए। जबकि, केदारनाथ क्षेत्र में वह निहायत निजी कार्यक्रम में भी पहुंच जाते हैं।
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सीएम हरीश रावत हमेशा ही करते बांटने की राजनीति
पूर्व कबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि सीएम हरीश रावत हमेशा ही बांटने की राजनीति हैं। वह गढ़वाल-कुमाऊं को अलग-अलग नजरिए से देखते हैं। अब तो वह उस क्षेत्र से भी खौफ खा रहे हैं, जो मेरा निर्वाचन क्षेत्र रहा है।
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सीएम को जल्द रुद्रप्रयाग आने का दिया जाएगा न्योता
रुद्रप्रयाग कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष प्रदीप थपलियाल ने बताया कि सीएम को जल्द रुद्रप्रयाग आने का न्योता दिया जाएगा। रही बात रुद्रप्रयाग न आने की तो केदारनाथ विस क्षेत्र आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील रहा है। सो, सीएम को बार-बार वहां जाना पड़ता है।
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