Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    नाबालिग साली से दुष्कर्म में जीजा को 20 साल कैद, ट्रायल के दौरान दिया बच्चे को जन्म; डीएनए टेस्ट में हुई कंफर्म

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 06:27 PM (IST)

    रूद्रप्रयाग में, नाबालिग साली से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने जीजा को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था, जिसमें नाबालिग के गर्भवती होने की बात सामने आई थी। डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई कि जीजा ही बच्चे का पिता है। अदालत ने पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

    Hero Image

    विधिक प्रविधानों के तहत पीड़िता को मुआवजा देने के आदेश। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग। नाबालिग साली से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो सहदेव सिंह की अदालत ने उसके जीजा को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायालय ने पीड़िता को विधिक प्रविधानों के तहत मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    मामले के अनुसार गत वर्ष 18 अगस्त को पीड़िता के पिता ने थाना ऊखीमठ में दी शिकायत में कहा था कि, उनकी 17 वर्षीय नाबालिग पुत्री गर्भवती है। जांच के दौरान डाक्टरों ने पुष्टि की कि नागालिग चार माह की गर्भवती है। जब स्वजन ने उससे इस बारे में पूछा तो पीड़िता ने अपने जीजा का नाम लिया। तहरीर के आधार पर थाना ऊखीमठ में जीजा के विरुद्ध पाक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़िता के बयान दर्ज किए गए, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से बताया कि जीजा ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए थे।

    इसके बाद पीड़िता का मेडिकल परीक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में कराया गया। 22 अगस्त 2024 को पुलिस ने जीजा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। केस के ट्रायल के दौरान पीड़िता ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया। न्यायालय की अनुमति से पीड़िता, दोषी और नवजात के डीएनए सैंपल परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, देहरादून भेजे गए। एफसीएल रिपोर्ट में प्रमाणित हुआ कि नवजात शिशु के जैविक माता-पिता पीड़िता और दोषी हैं।


    विशेष न्यायालय पाक्सो के जज सहदेव सिंह ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद दोषी को पाक्सो एक्ट में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया कि पीड़िता को विधिक प्रविधानों के तहत मुआवजा प्रदान किया जाए। इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक पाक्सो आशीष नेगी ने की।