उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग में चोराबाड़ी ग्लेशियर के ऊपर आया एवलांच, वीडियो में देखें प्रकृति के कहर का खौफनाक मंजर
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चोराबाड़ी ग्लेशियर के पास गुरुवार को लभगभ दोपहर 2 से 3 बजे के बीच एवलांच आने की सूचना है। दूरवर्ती क्षेत्र होने के कारण इसका वीडियो लोगों ने कैमरे में कैद किया। अच्छी बात यह है कि इससे किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है। ताजा जानकारी के लिए जागरण के साथ जुड़े रहें।

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चोराबाड़ी ग्लेशियर के पास एवलांच आया। यह एवलांच काफी सुदूरवर्ती इलाके में था। जिसका वीडियो लोगों ने अपने कैमरों के कैद किया। किसी भी प्रकार का नुक़सान की सूचना नहीं है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चोराबाड़ी ग्लेशियर के पास आया एवलांच। #chorabari #avalanche pic.twitter.com/ceXBpKPreu
— Neha Bohra (@neha_suyal) September 4, 2025
केदारनाथ के ऊपर चौराबाड़ी ग्लेशियर में गुरूवार को एविलांस देखा गया, हालांकि इससे कोई नुकसान की सूचना नहीं है। लोगों ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद कर लिया। गुरुवार को दोपहर लगभग ढाई बजे केदारनाथ से सात किमी दूर स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर में उच्च हिमालय क्षेत्र से एक एवलांस आते हुए दिखाई दिया।
काफी आवाज आ रही थी, जो केदारनाथ तक भी सुनाई दे रही थी, ग्लेशियर टूटकर नीचे की ओर गिर रहे थे। इस घटना से केदारनाथ से कई लोगों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया। काफी लोग डर भी गए थे।
वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि इस तरह की घटनाएं उच्च हिमालयी क्षेत्र में घटित होती रहती है। यह सामान्य घटना है। इस घटना से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।
भारी बारिश से कई मकान खतरे में
रुद्रप्रयाग: जनपद के जखोली विकासखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। ग्राम पंचायत गोर्ती में हुई भूस्खलन की घटना में हालात काफी भयावहता है। बीती रात हुई भारी बारिश के चलते गांव के एक दर्जन से अधिक मकानों पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रभावित लोगों में विजयपाल सिंह, धर्मपाल सिंह रावत, भगवान सिंह रावत, उत्तम सिंह रावत, विक्रम सिंह रावत, जसपाल सिंह नेगी, शिवराज सिंह रावत, प्रवीण ममगाईं, अब्बल राणा, अवतार सिंह जागवाण, कांति प्रसाद ममगाईं सहित कई ग्रामीण शामिल हैं। इन घरों में रहने वाले लगभग 100 से अधिक ग्रामीण और उनके मवेशी अब मौत के मुहाने पर खड़े है।
गांव में स्थित दर्जन भर दुकानें भी भूस्खलन की जद में हैं और कभी भी जमींदोज हो सकती हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि ग्रामीण रातें जागकर काटने को मजबूर हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।