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    338 गरीबों को मिलेंगे पक्के मकान

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    Updated: Wed, 30 Mar 2016 06:30 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने एवं जीर्णशीर्ण भवनों में निवास कर रह

    संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने एवं जीर्णशीर्ण भवनों में निवास कर रहे गरीब परिवारों को जल्दी ही पक्के मकान मिलेंगे। जिला ग्राम्य विकास विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे के आधार पर 338 परिवारों की सूची तैयार की है।

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    इंदिरा आवास योजना के बजाय अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना नये वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से शुरू होगी। वर्ष 2011 में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर सर्वे किया गया था, जिसमें पता चला कि जिले में गरीबी 47 प्रतिशत से घटकर मात्र 20 प्रतिशत ही रह गई है। इसी के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने एवं जीर्णशीर्ण भवनों का सर्वे कराया गया। इसमें ऐसे परिवारों को चिह्नित किया गया, जिनके भवन जीर्णशीर्ण या फिर एक कमरा, जिसकी छत कच्ची हो। ऐसे परिवारों की सूची तैयार कर ली गई है, जिन्हें शासन के दिशा-निर्देश मिलने के बाद स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा। योजना में लाभार्थियों को दो कमरे, एक किचन के साथ ही शौचालय और बाथरूम का निर्माण करना आवश्यक होगा। इनमें प्रति लाभार्थी को भारत सरकार से लगभग एक लाख 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। भवन का निर्माण स्वयं लाभार्थी की ओर से कराएगा, जिसका समय-समय पर विभाग की ओर से निरीक्षण भी होगा। भारत सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद 338 परिवारों को सिर छुपाने के लिए छत नसीब होगी। इंदिरा आवास से वंचित रह गए गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है।

    रुद्रप्रयाग में घटे गरीब

    जिले में गरीबों की संख्या घटकर बीस फीसद रह गई है। वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर किए गए सर्वे में गरीबों की संख्या 47 फीसद पाई गई थी। डीआरडीए के परियोजना अधिकारी एमएस नेगी ने बताया कि वर्ष 2011 में हुए सर्वे के आधार पर जिले में 338 परिवार ही गरीब पाए गए हैं। इंदिरा आवास योजना के स्थान पर अब गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि मिलेगी। फाइनल सूची तैयार कर शीघ्र शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजी जा रही है।