Kedarnath Disaster: आपदा के बाद यात्रा गढ़ रही नए प्रतिमान, उमड़ा सैलाब; रोज 20 हजार से ज्यादा टेक रहे मत्था
Kedarnath Disaster आपदा के बाद बीते दस वर्षों में केदारपुरी का स्वरूप तो बदला ही यात्रा भी साल-दर-साल प्रतिमान गढ़ रही है। इस वर्ष भी तीर्थ यात्रियों का सैलाब उमड़ रहा है और प्रतिदिन 20 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं।

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग: Kedarnath Disaster: आपदा के बाद बीते दस वर्षों में केदारपुरी का स्वरूप तो बदला ही, यात्रा भी साल-दर-साल प्रतिमान गढ़ रही है। वर्ष 2013 से पहले जहां सीमित संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ दर्शन को पहुंचते थे, वहीं केदारपुरी के संवरने के बाद यह संख्या लगातार बढ़ती चली गई।
वर्ष 2019 से तो स्थिति यह हो गई है कि दर्शन के लिए मंदिर को पूरी रात खुला रखना पड़ रहा है। कोरोनाकाल में जरूर तीर्थ यात्रियों की संख्या सीमित रही, लेकिन वर्ष 2022 के बाद अब इस वर्ष भी तीर्थ यात्रियों का सैलाब उमड़ रहा है और प्रतिदिन 20 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं।
इस बार तो बदरीनाथ धाम से भी अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हालांकि, शुरुआती महीनों में बीते वर्ष भी केदारनाथ पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या बदरीनाथ से अधिक रही, लेकिन इस वर्ष तो पहले महीने में ही बदरीनाथ से सवा लाख अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। ऐसा यात्री सुविधाओं के बेहतर होने से ही संभव हो पाया।
आपदा में पूरी तरह तबाह हो गई थी केदारपुरी
वर्ष 20113 की आपदा में केदारपुरी पूरी तरह तबाह हो गई थी। तब मंदिर के सिवा वहां कुछ नहीं बचा था। रामबाड़ा से आगे पैदल रास्ता भी पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। तब लगता नहीं था कि भविष्य में केदारपुरी पुराने वैभव को प्राप्त कर पाएगी। लेकिन, आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत जैसे-जैसे केदारपुरी के नए कलेवर में निखरने लगी, तीर्थ यात्रियों की संख्या भी बढ़ती चली गई।
वर्तमान में तो चारों धाम में सबसे अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ दर्शन को ही पहुंच रहे हैं। आस्था के आगे 16 किमी लंबे पैदल मार्ग की चुनौतियां भी बौनी पड़ने लगी हैं। धाम समेत पैदल मार्ग के पड़ावों पर यात्री सुविधाएं बेहतर होने से हर कोई बाबा केदार के दर्शन अवश्य करना चाहता है।
धाम में न केवल तीर्थ यात्रियों के खाने-ठहरने की सुविधाएं बढ़ी हैं, बल्कि केदारपुरी की पहाड़ियों पर विकसित ध्यान गुफाएं भी देश-विदेश का ध्यान खींच रही हैं। इससे केदारघाटी में छोटे-बड़े व्यापारी और होटल व्यवसायियों के चेहरे भी खिले हुए हैं।
हेली यात्रा का बढ़ा आकर्षण
आपदा के बाद केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का आकर्षण भी काफी बढ़ा है। वर्तमान में औसतन 1500 तीर्थयात्री प्रतिदिन हेली सेवा से बाबा केदार के दर्शन को पहुंच रहे हैं, जो कि कुल तीर्थ यात्रियों का लगभग दस प्रतिशत है।
25 अप्रैल को कपाट खुलने के बाद से अब तक 51,635 तीर्थयात्री हेली सेवा से केदारनाथ पहुंचे हैं। जबकि, बीते वर्ष पूरे यात्रा सीजन में यह संख्या एक लाख 40 हजार रही। वर्तमान में नौ एविएशन कंपनी केदारघाटी के विभिन्न हेलीपैड से धाम के लिए हेली सेवा का संचालन कर रही हैं।
केदारपुरी मे ठहर सकते हैं दस हजार तीर्थयात्री
आपदा के बाद केदारपुरी में यात्री सुविधाओं को तेजी से विकास हुआ है। वर्तमान में यहां एक समय में दस हजार तीर्थयात्री ठहर सकते हैं। इसके लिए प्रशासन ने गढ़वाल मंडल विकास निगम समेत स्थानीय युवाओं को भी अस्थायी टेंट लगाने की अनुमति दी है। इसके अलावा पैदल यात्रा पड़ाव लिनचोली व भीमबली में भी तीन हजार यात्री रात्रि विश्राम कर सकते हैं।
वर्षवार केदारनाथ धाम पहुंचे तीर्थयात्री
- वर्ष, कुल तीर्थयात्री
- 2023, 9,30,432 (14 जून तक)
- 2022, 15,63,275
- 2021, 2,42,712
- 2020, 1,35,287
- 2019, 10,00,035
- 2018, 7,72,390
- 2017, 4,71,235
- 2016, 3,49,123
- 2015, 1,59,340
- 2014, 39,500
‘केदारनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो इस वर्ष नया कीर्तिमान स्थापित कर सकती है। तीर्थ यात्रियों के लिए धाम में रहने-खाने की बेहतर व्यवस्था है। स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं बेहतर बनाने पर भी प्रशासन का पूरा ध्यान है। कोशिश यही है कि किसी भी तीर्थयात्री को धाम व पड़ावों पर किसी तरह की परेशानी न हो।’
-मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग
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