बलुवाकोट के ग्रामीणों ने अवैध रूप से खनन कर रहे लोगों को खदेड़ा
काली नदी किनारे अवैध खनन से गुस्साए बलुवाकोटवासियों ने अवैध खननकर्ताओं को खदेड़ा। ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, बलुवाकोट (पिथौरागढ़) : काली नदी किनारे अवैध खनन से गुस्साए बलुवाकोटवासियों ने अवैध खननकर्ताओं को खदेड़ा। बार-बार अवैध खनन बंद करने की मांग के बाद भी प्रशासन द्वारा कदम नहीं उठाए जाने पर खनन क्षेत्र में ही प्रदर्शन करते दो दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
काली नदी किनारे नेपाल सीमा पर स्थित बलुवाकोट वर्ष 2013 की आपदा से खतरे में है। काली नदी के कहर से पूरा बलुवाकोट खतरे की जद में है। नदी से कटाव के चलते यहां पर सुरक्षा के लिए तटबंध निर्माण कि या गया है। जिससे आंशिक राहत मिली थी। दूसरी तरफ अवैध खननकर्ता सुरक्षा दीवारों के निकट अवैध खनन कर रहे हैं। अवैध खनन के दौरान रेत और पत्थर निकाले जाने से खतरा बढ़ चुका है। इस संबंध में जनता कई बार विरोध कर चुकी है। प्रशासन से इसकी शिकायत कर अवैध खनन रोकने की मांग की जा चुकी है।
इसके बाद भी अवैध खनन पर प्रतिबंध नहीं लगने से बलुवाकोटवासियों में आक्रोश बढ़ चुका है। शुक्रवार को गुस्साई जनता अवैध खननस्थल पर पहुंची। जहां पर अवैध खननकर्ताओं को खदेड़ा और शनिवार से क्षेत्र में नजर आने पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी। इसी स्थल पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अक्टूबर माह से अवैध खनन चल रहा है। पुलिस और प्रशासन से शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। बलुवाकोट बाजार खतरे में आ चुका है। डेढ़ हजार आबादी प्रभावित है।
जीवन सौनाल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में जस्ता देवी, कमला देवी, जयंती गब्र्याल, शांति देवी, गंगोत्री देवी, आशा देवी, जीवन ग्वाल, किसमती देवी, दमयंती देवी,पस्ती रिमझियाल, डुंगर सिंह, करन सिह, जयंती चंद, कमला बिष्ट, सुनीता देवी, प्रतिमा सामंत, भवानी देवी आदि ग्रामीण शामिल रहे।

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