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    उत्‍तराखंड के कुमाऊं में बारिश का कहर, धारचूला में बादल फटने से तबाही, हल्‍द्वानी में घरों के आंगन में इतरा रहा कलसिया नाला

    Updated: Sat, 13 Jul 2024 09:28 AM (IST)

    Cloud Burst in Dharchula उत्‍तराखंड के कुमाऊं मंडल में बादलों का कहर बरपाना जारी है। शुक्रवार की सायं धारचूला क्षेत्र में बादल फट गया है। कूलागाड़ नाले ...और पढ़ें

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    Cloud Burst in Dharchula: बादल फटने से कूलागाड़ नाले में बना मोटर पुल बहा

    संसू, जागरण, धारचूला। Cloud Burst in Dharchula: उत्‍तराखंड के कुमाऊं मंडल में बादलों का कहर बरपाना जारी है। हल्‍द्वानी में कलसिया नाले के कहर के निशान अभी भी तबाही की गवाही दे रहे हैं। शुक्रवार की सायं धारचूला क्षेत्र में बादल फट गया है। बादल फटने से धारचूला से लगभग 8 किमी दूर बहने वाला विशाल कूलागाड़ का नाला उफान पर आ गया। नाले पर टनकपुर- पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे का मोटर पुल बह गया है।

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    काली नदी में बनी झील

    नाले में आए मलबे ने काली नदी का प्रवाह रोक दिया है। काली नदी में झील बन चुकी है। कूलागाड़ से नीचे काली नदी का जलस्तर घट गया है। झील के फटने पर नदी से नदी किनारे की बस्तियों के लिए खतरा पैदा हो गया है।नदी किनारे बस्तियों में दहशत व्याप्त है। कूलागाड़ मोटर पुल बहने से धारचूला से आठ किमी आगे से चीन सीमा का संपर्क भंग हो चुका है।

    शुक्रवार सायं धारचूला सहित आसपास के क्षेत्र में भारी वर्षा जारी है। कूलागाड़ नाले के उदगम क्षेत्र में बादल फटने से कूलागाड़ का जलस्तर विकराल हो गया। पहाड़ से सीधे ढलान में बहने वाले नाले से चीन सीमा को जोड़ने वाले एकमात्र तवाघाट मार्ग का मोटर पुल बह गया। कूलागाड़ जिस स्थान पर काली नदी पर मिलता है वहा पर भारत मे हाईवे से सटकर काली नदी बहती है।

    दूसरी तरफ नेपाल है। यह स्थल सकरा है। कूलागाड़ के उफान में आने से पानी से भारी मलबा, पत्थर, पेड़ बहकर आने और नाले के पानी ने काली नदी का प्रवाह रोक दिया है जिससे यहां पर झील बन चुकी है। झील के फटने पर नदी का जलस्तर बढ़ने से तपोवन, खोतिला, धारचूला, बलुवाकोट तक दहशत है। ये सभी स्थान नदी किनारे है।

    गलाती नाला भी उफान पर, पांच गांवों के लोगों को खतरा

    छिपलाकेदार से निकलने वाले सभी नाले उफान पर आ चुके हैं। गलाती में रहने वाले दारमा के पांच गांवों नागलिंग, सीपू, मार्छा सहित अन्य गांवों के ग्रामीण घरों को छोड़ कर पुल के पास एकत्रित हैं। गलाती नाले के जलस्तर बढ़ते देख कर लोगों को अलर्ट कर दिया गया है।

    गलाती नाला पिथौरागढ़ -तवाघाट मार्ग पर कालिका-धारचूला के मध्य पड़ता है। यह नाला भी छिपलाकेदार से ही निकलता है। वहीं धारचूला-कूलागाड़ के मध्य दोबाट में बहने वाला छोटा नाला भी उफान पर है यह भी छिपलाकेदार क्षेत्र से ही निकलता है। सूचना के अनुसार कूलागाड़ क्षेत्र में एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है, परंतु इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही है। गलाती में घनी बसासत है।

    यहां पर दारमा के पांच गांवों के लोग रहते हैं। एक तरफ गलाती जैसा विशाल नाला है तो दूसरी तरफ काली नदी। लोग बचाव के लिए घर से बाहर निकल कर पुल के पास जमा हैं। इस समय धारचूला में वर्षा थम चुकी है। प्रशासन लगातार लोगों को सतर्क कर रहा है।

    कलसिया का कहर, रसोई बहने से निखहत का पूरा परिवार रहा भूखा

    हल्द्वानी। आपदा की मार सबसे अधिक कलसिया नाला किनारे रहने वाले राजदा व निखहत पर पड़ी है। राजदा के घर के आगे कलसिया पहुंच गया है। आंगन में बोल्डर आ चुके हैं। वहीं, निखहत की रसोई व शौचालय बाढ़ में बह गया। दोनों परिवारों ने अपना घर छोड़कर दूसरे घरों में शरण ले ली है।

    राजदा ने बताया कि 35 साल पहले उनके पति की मौत हो चुकी है। जैसे-तैसे बच्चों का भरण पोषण कर घर बनाया। तीन बेटे टैक्सी चलाते हैं। गुरुवार रात कलसिया में बाढ़ आने से घर में पानी घुस गया। घर के पहले तल में तीन फीट मलबा भर चुका है। आंगन में जहां कभी बच्चे खेलते थे, वहां कलसिया नाला आ चुका है।

    आंगन में विशालकाय बोल्डरों का जमावड़ा लग गया है। वहीं, निखहत ने बताया कि गुरुवार की रात बाढ़ में उनकी रसोई व शौचालय बह गया है। वह 30 साल से अपने पति व तीन बेटियों के साथ कलसिया के किनारे रहती हैं। रसोई बहने से शुक्रवार को घर में खाना नहीं बना। पूरा परिवार दहशत में है। शौचालय के लिए भी दूसरों के वहां जाना पड़ा। इस क्षेत्र में कुछ अन्य घर भी कलसिया की जद में आ चुके हैं।

    सुरक्षा दीवार व सड़क बही, पेयजल लाइन टूटी

    सिंचाई विभाग ने कुछ महीने पहले लोगों के बचाव व भू-कटाव को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार बनाई थी। गुरुवार को आई बाढ़ में सुरक्षा दीवार आधी बह चुकी है। इसके अलावा क्षेत्र में छह फीट की सड़क कलसिया में समा चुकी है। पेयजल लाइन टूटने से पेयजल संकट गहरा गया है।