उत्तराखंड में प्री मानसून बारिश का कहर, पिथौरागढ़ में भूस्खलन से खतरे की जद में आया आवासीय मकान
पिथौरागढ़ में मानसून से पहले ही आपदा जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश के कारण सत्यालगांव में मकान खतरे में आ गया और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। भूस्खलन से एक मकान की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे मकान और पानी की टंकी खतरे में हैं। ऊर्जा निगम ने लाइनमैनों की मदद से विद्युत आपूर्ति को बहाल कर दिया है।

संसू, जागरण, थल (पिथौरागढ़)। मानसून ने अभी ठीक से दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन सीमांत जनपद में अभी से आपदा जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। बुधवार की देर रात हुई भारी वर्षा के चलते सत्यालगांव में एक आवासीय मकान खतरे की जद में आ चुका है। वहीं, एक विशाल पेड़ गिरने से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति भी ठप हो चुकी है।
बुधवार की रात्रि थल तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक 40 एमएम वर्षा रिकार्ड दर्ज की गई। भारी वर्षा के चलते क्षेत्र में सत्यालगांव में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। भारी वर्षा से सत्यालगांव निवासी गोविंद सिंह सत्याल व सुनील सिंह सत्याल के आवासीय मकान की सुरक्षा दीवार भू-स्खलन की चपेट में आ गई। जिस कारण उनके आवासीय मकान और पानी की टंकी खतरे की जद में आ चुकी है।
पीड़ित गोविंद सिंह सत्याल ने अतिशीघ्र आपदा मद से सुरक्षा दीवार लगाए जाने की मांग की है। वहीं, क्षेत्र में भू-स्खलन के चलते फल्यांट का एक विशाल पेड़ जमींदोंज होकर गधेरे में गिर गया। जिसकी चपेट में आकर सत्यालगांव को जोड़ने वाली विद्युत लाइन के तार टूट गए।
इससे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई। इधर, ऊर्जा निगम के थल विद्युत स्टेशन के अवर अभियंता नवल सिंह निर्खुपा का कहना है कि ख़तरनाक खाई होने से विभाग के ठेकेदार के लाइनमैनों ने कड़ी मशक्कत के बाद गुरूवार दोपहर तक लाइन के टूटे तार को जोड़कर गांव की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी।
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