Pithoragarh: 2100 दीयों से जगमग हुआ सरयू और रामगंगा का संगम, ऐसा रहा भव्य गंगा आरती की मनमोहक दृश्य
Pithoragarh हिमालय से निकलने वाली दो पवित्र नदियों के तट पर बसे रामेश्वर धाम का उल्लेख वेद व्यास रचित स्कंद पुराण में हैं। लोक मान्यता है कि भगवान राम ने यहीं से स्वर्गारोहण किया था। उन्होंने ही भगवान शिव के मंदिर की स्थापना की। जागेश्वर धाम की यात्रा रामेश्वर दर्शन के बगैर अधूरी मानी जाती है। रामेश्वर में पहली बार वृहद गंगा आरती का आयोजन हुआ।

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़। सरयू और रामगंगा नदी के संगम स्थल पवित्र धाम रामेश्वर में पहली बार वृहद गंगा आरती का आयोजन हुआ। तुलसी एकादशी पर आयोजित इस कार्यक्रम में पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा जनपद के लोगों ने भागीदारी की। पूजा-अर्चना के बाद भजन संध्या आयोजित की गई।
हिमालय से निकलने वाली दो पवित्र नदियों के तट पर बसे रामेश्वर धाम का उल्लेख वेद व्यास रचित स्कंद पुराण में हैं। लोक मान्यता है कि भगवान राम ने यहीं से स्वर्गारोहण किया था। उन्होंने ही भगवान शिव के मंदिर की स्थापना की। जागेश्वर धाम की यात्रा रामेश्वर दर्शन के बगैर अधूरी मानी जाती है।
मानस खंड माला योजना में शामिल करने की है मांग
काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम के बराबर ही इस धाम को भी महत्व मिला हुआ है। क्षेत्र के लोग अब इसे उत्तराखंड के पवित्र धाम के रूप में विकसित करने के लिए मानस खंड माला योजना में शामिल किये जाने की मांग उठा रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने अपने स्तर से इसके लिए पहल शुरू कर दी है।
भव्य गंगा आरती का हुआ आयोजन
पिथौरागढ़ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र भट्ट की पहल पर गुरुवार को तुलसी एकादशी पर रामेश्वर घाट पर भव्य गंगा आरती का आयोजन हुआ। पुरोहित आनंद जोशी ने आरती संपन्न कराई। तीनों जिलों से पहुंचे लोगों ने 2100 दीये जलाकर संगम में प्रवाहित किए।
हरिद्वार की तर्ज पर लोगों ने आरती गाई। रामेश्वर मंदिर में विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद भंजन संध्या आयोजित की गई। देर रात प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। मंदिर कमेटी के मोहन गिरी आदि ने कार्यक्रम को संपन्न कराने में सहयोग दिया।

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