Pithoragarh News: 35 आदि कैलास यात्रियों का वायु सेना ने किया रेस्क्यू, नहीं कर सके दर्शन, फिर भी जताई खुशी
Pithoragarh News केएमवीएन के यात्राधिकारी डीएस बिष्ट ने बताया कि फिलहाल गुंजी व अन्य पड़ावों को मार्ग नहीं खुलने तक बंद किया जा रहा है। पड़ावों में कार्यरत कर्मी भी शनिवार से पैदल धारचूला आएंगे । मार्ग खुलने के बाद फिर पड़ावों को चले जाएंगे।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : Pithoragarh News: चीन सीमा तक जाने वाला मार्ग शुक्रवार को भी यातायात के लिए नहीं खुला। नौ दिनों से गुंजी में फंसे 35 आदि कैलास यात्रियों सहित स्थानीय ग्रामीणों को व अन्य लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ पहुंचाया गया (Rescue of 35 Adi Kailash Travelers from Gunji)। पिथौरागढ़ पहुंचे विभिन्न राज्यों के यात्रियों ने कहा कि वह आदि कैलास का दर्शन तो नहीं कर सके, परंतु यात्रा के दौरान गुंजी में पहली बार बर्फबारी देखी और इसका आनंद उठाया।
रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ पहुंचाया
शुक्रवार को जिले में दस दिनों बाद मौसम साफ रहा। इस पर वायुसेना का हेलीकॉप्टर गुंजी पहुंचा और वहां फंसे पैंतीस से अधिक आदि कैलास यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ पहुंचाया। उच्च हिमालय में फंसे सभी लोग सकुशल पहुंच चुके हैं। गुंजी में फंसे 30वें आदि कैलास यात्री पिथौरागढ़ पहुंचने के बाद खुश नजर आए।
आेम पर्वत तक पहुंचे, आदि कैलास से चूके
यात्रियों ने बताया उन्होंने ओम पर्वत के दर्शन तो कर लिए थे, परंतु आदि कैलास मार्ग में अत्यधिक हिमपात के चलते दर्शन नहीं कर सके । यात्रियों ने कहा कि आदि कैलास के दर्शन भविष्य में कर लेंगे । उन्होंने यात्रा के दौरान उच्च हिमालय में बर्फबारी का नजारा देखा और कहा कि बर्फबारी के दौरान उच्च हिमालय का नजारा वह कभी भूल नहीं सकेंगे । उनके लिए यह एक आनंदित करने वाली अनुभूति है।
बर्फबारी का उठाया लुत्फ
यात्रियों ने कहा कि बर्फबारी के दौरान उच्च हिमालय की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता है। साथ ही यात्रियों का कहना था कि भोले बाबा की छत्रछाया उन्हें मिली और वह सकुशल लौट आए हैं। लिपुलेख मार्ग बंद होने से वह मायूस हो चुके थे परंतु प्रशासन के प्रयास से वह सकुशल हेलीकॉप्टर से लौट आए हैं।
रेक्क्यू के लिए प्रशासन को सराहा
इस मौके पर प्रशासन का आभार व्यक्त करने के लिए यात्रियों ने जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान से मिल कर उन्हें बुके सौंपा और आभार जताया। इस मौके पर यात्रियों ने केएमवीएन की व्यवस्थाओं की भी सराहना की । उन्होंने कहा कि विगत 6 अक्टूबर से गुंजी में मार्ग बंद होने के बाद भी निगम ने उनका पूरा ध्यान रखा। प्रबंधक दिनेश गुरु रानी की पहल पर उच्च हिमालय में पौधरोपण की भी जानकारी दी ।
लिपुलेख और दारमा मार्ग खुलने में अभी लगेगा समय
चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग के अभी खुलने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। केएमवीएन के यात्राधिकारी डीएस बिष्ट ने बताया कि फिलहाल गुंजी व अन्य पड़ावों को मार्ग नहीं खुलने तक बंद किया जा रहा है। पड़ावों में कार्यरत कर्मी भी शनिवार से पैदल धारचूला आएंगे । मार्ग खुलने के बाद फिर पड़ावों को चले जाएंगे।
सोबला-तिदांग मार्ग के भी खुलने में लगेंगे तीन से चार दिन
वहीं चीन सीमा को जोडऩे वाला सोबला-तिदांग मार्ग के भी खुलने में तीन से चार दिन का समय लग सकता है। मार्ग खोलने के प्रयास जारी हैं। विगत तीन दिनों से बारिश नहीं होने और शुक्रवार को चटक धूप खिलने से अधिकांश बंद मोटर मार्ग खुल चुके हैं।
- व्यास और दारमा मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय के व्यास घाटी के सात गांव, दारमा के 14 गांव व उच्च मध्य हिमालय के लगभग नौ गांवों का सम्पर्क अभी भी भंग है।
- काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल से नीचे है। काली नदी 888.70 मीटर पर बह रही है। चेतावनी लेबल 889 मीटर है।
- गोरी, सरयू, रामगंगा का जलस्तर अब सामान्य होने लगा है।
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