जयनगर के पास घायलावस्था में मिला दुर्लभ प्रजाति का सफेद रंग का उल्लू
बेरीनाग तहसील मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर जयनगर के पिगलीनाग मंदिर के पास एक सफेद रंग का उल्लू घायल हालत में मिला। जानकारों के अनुसार सफेद रंग का उल्लू दुर्लभ प्रजाति का उच्च हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है।
संवाद सूत्र, बेरीनाग : तहसील मुख्यालय से लगभग सोलह किमी दूर जयनगर के पिगलीनाग मंदिर के पास एक सफेद रंग का दुर्लभ प्रजाति का उल्लू घायल अवस्था में मिला है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग ने उल्लू का रेस्क्यू कर पशु चिकित्सालय पहुंचा दिया है।
शुक्रवार अपराह्न तीन बजे के आसपास ग्रामीणों ने पिगलीनाग मंदिर के निकट एक सफेद उल्लू को घायल अवस्था में देखा। उसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई। पर्यावरण प्रेमी जितेंद्र वर्मा और मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन रेंज कार्यालय बेरीनाग को दी। सूचना मिलते ही वन रेंजर चंद्रा महरा वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंची। घायल उल्लू को पकड़ कर पशु चिकित्सालय पहुंचाया। जिस स्थान पर उल्लू घायल अवस्था में था वहां पर पेड़ पर दो काले रंग के उल्लू भी बैठे थे।
वन विभाग के अनुसार घायल उल्लू की उम्र लगभग एक साल के आसपास है। उसके शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं हैं। माना जा रहा है कि पेड़ से गिरने के कारण उल्लू घायल हो गया हो। वन रेंजर ने बताया कि उल्लू का उपचार कर ठीक होने पर जंगल में छोड़ दिया जाएगा। उच्च हिमालयी भू भाग में नजर आते हैं उल्लू
मध्य हिमालय में अमूमन सफेद रंग के उल्लू नजर नहीं आते हैं। जानकार बताते हैं कि सफेद रंग के उल्लू उच्च हिमालय में पाए जाते हैं। घायल सफेद उल्लू मध्य हिमालय तक कैसे पहुंचा यह रहस्य बना है। इस क्षेत्र में हल्का सफेद रंग लिए उल्लू तो होते हैं परंतु घायल हालत में मिले उल्लू की तरह पूरा सफेद नहीं होते हैं। वन विभाग इसे दुर्लभ प्रजाति का बता रहा है। सफेद उल्लू लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना है। बीते वर्ष भी मई में बेरीनाग-चौकोड़ी-कोटमन्या मार्ग में भी एक सफेद रंग का घायल उल्लू मिला था। जिसका वन विभाग ने उपचार कर जंगल में छोड़ दिया था।
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