नेपाल बॉर्डर पर आधा दर्जन गांवों में रात में कोई खटखटा रहा दरवाजा, महिलाएं 'कैद'; खौफ में लोग
नेपाल सीमा से लगे गाँवों में संदिग्धों की अफवाह से दहशत है। लोगों को डर है कि नेपाल के जेन-जी आंदोलन के दौरान जेल से भागे कैदी इलाके में छिपे हैं। ज्याल गांव में दरवाजा खटखटाने की घटना से भय और बढ़ गया है। पुलिस इसे अफवाह बता रही है और निगरानी कर रही है। महिलाएं खेतों में जाने से डर रही हैं।

संवाद सूत्र, जागरण झूलाघाट। नेपाल सीमा से लगे काली नदी किनारे बलतड़ी क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण जंगलों में संदिग्ध लोगों के घूमने और रात को घरों के दरवाजे खटखटाने की अफवाह से दहशत में हैं।
अफवाह के बीच नेपाल के जेन जी आंदोलन के दौरान जेलों से फरार अब तक गिरफ्त में नहीं आए कैदियों के होने की चर्चा करते भय का माहौल बना है और ग्रामीण घबराए हैं। विशेषकर महिलाएं तो अकेले खेतों और गांव के पास के जंगल तक घास लेने के लिए जाने से कतरा तक रही हैं। पुलिस ने इसे सीधे अफवाह बताया है।
नेपाल सीमा से लगे बलतड़ी, तड़ीगांव, ज्याल, टाकुला, बाैनकोट और पीपलतड़ा गांव में यह अफवाह चर्चा में है। तीन दिन पूर्व के गांव के जंगलों में तीन संदिग्घ लोगों के दिखाई देने की बात प्रसारित हुई। इसके बाद से ग्रामीणों में हड़कंप मचा है।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश चंद्र रोडियाल ने बताया कि तीन दिन पूर्व ल्याल गांव में रात को संदिग्ध लोगो ने धर का दरवाजा खटखटाया। जब घर के सदस्यों ने बाहर देखा तो तीन संदिग्ध लोग जंगल की तरफ भागे जाने की चर्चा के बाद गांवों के लोग खौफ में हैं।
गांवो में इस तरह की चर्चा है कि विगत दिनों नेपाल में जेन-जी आंदोलन के दौरान कैदी जेलों से भाग गए थे। भागने वाले कैदियों ने भारत की सीमा से लगे नेपाल के बैतड़ी, दार्चुला और डडेलधुरा जिलों के कैदी भी शामिल थे। भागे हुए कैदियों में कुछ नेपाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
ज्याल गांव से चली इस बात से भारत के ग्रामीणों के मन में संदिग्ध लोगाें को नेपाल जेल से भागे कैदी होने का शक होने के बाद भय का माहौल बना हुुआ है। विशेषकर महिलाओं में खौफ अधिक है। इस समय घास कटाई का कार्य चल रहा है। महिलाएं जंगल और खेतो तक जाने से डर रही हैं।
बलतड़ी सहित अन्य गांवों के जंगलों ओर रात को घरों का दरवाजा खटखटाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने पूरे क्षेत्र के गांव और जंगलों का निरीक्षण कर तहकीकात के बाद यह अफवाह नजर आ रही है। क्षेत्र के किसी भी गांव में किसी के अवांछनीय तत्व के घुसने और फरार नेपाली कैदियों की कोई उपस्थिति नहीं है। ग्रामीणो से किसी भी तरह समस्या होने पर सूचना पुलिस को देने को कहा गया है और पुलिस लगातार निगरानी कर रही है। - संजीव कुमार , कोतवाली झूलाघाट
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